उदयपुर। टारगेट पूरा करने के चक्कर में डाक्टर कितनी बडी लापरवाही कर सकते हैं इसका उदाहरण उदयपुर में सामने आया है। अपने पेशे का शर्मसार करते हुए सलूंबर तहसील के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने एक गर्भवती महिला की नसंबदी कर डाली।
सलूंबर तहसील के धाबड़ा गांव का, जहां की रहने वाली चार बच्चों की मां मोती एक माह की गर्भवती थी। विभागीय टारगेट पूरे करने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और एएनएम ने महिला को नसबंदी ऑपरेशन कराने और परिवार नियोजन की सलाह दी।
महिला मोती और उसके पति कन्हैयालाल की स्वीकृति के बाद उसे सलूंबर स्थित सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने इसी 15 जनवरी को महिला का नसबंदी ऑपरेशन किया।
पीडि़त महिला खुद के गर्भवती होने से अनभिज्ञ थी, लेकिन डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने से पहले मेडिकल जांच कराना तक मुनासिब नहीं समझा और नसबंदी कर दी। 9 अप्रेल को पेट दर्द के बाद महिला की सोनोग्राफी कराई गई तो जानकारी मिली कि महिला के पेट में तकरीबन 22 हफ्ते का गर्भ है।
डॉक्टरों व चिकित्साकर्मियों की इस घोर लापरवाही के कारण अब पीडि़त महिला अस्पताल के चक्कर काटने पर विवश है, लेकिन सलूंबर के सरकारी अस्पताल के डॉक्टर इस पूरे मामले से किनारा कर रहे हैं।