सबगुरु न्यूज बांसवाड़ा/उदयपुर। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी ने बांसवाड़ा के जिला चिकित्सालय में गर्भवती माताओं में कुपोषण से नवजातों की मौत के मामले पर गंभीरता दिखाते हुए प्रसंज्ञान लिया है और जिला कलक्टर तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखकर जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
चतुर्वेदी के निर्देशों पर आयोग के उपसचिव ने इस संबंध में जिला कलक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को बुधवार को पत्र लिखा है। गौरतलब है कि आदिवासी बहुल बांसवाड़ा जिले में गर्भवती महिलाओं के गर्भावस्था में समुचित पोषाहार न मिलने से बच्चों के कमजोर पैदा होने के कारण मौत हो जाती है। बांसवाड़ा शहर के एमजी चिकित्सालय में बीते 53 दिनों में ऐसे 81 बच्चों की मौत की जानकारी सामने आने के बाद मनन चतुर्वेदी ने बताया कि आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है।
पत्र में उप सचिव ने कहा है कि इस प्रकार के प्रकरणों में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही कर, प्रकरण की तथ्यात्मक रिपोर्ट से आयोग को सात दिनों में अवगत करावें।
जानकार बताते हैं कि आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा की कमी के कारण आज भी प्रसूताएं दवाखाने जाने से बचती हैं। कई बार स्थिति बिगड़ने पर उन्हें दवाखाना ले जाया जाता है। उस वक्त चिकित्सकों के समक्ष भी मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं। जानकारों का मानना है कि इसके लिए अंदरूनी गांवों में भी जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है और आंगनवाड़ियों को मजबूत करने की जरूरत है, ताकि महिला के गर्भाधान से ही उसका पूरा ख्याल रखा जा सके।