शिलांग। देश के 14वें राष्ट्रपति को चुनने के लिए सोमवार को हुए मतदान में 60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा के आठ विधायकों ने मत नहीं डाले। एक निर्वाचन अधिकारी ने यह जानकारी दी।
कांग्रेस विधायक केनेडी खायरीम के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री मार्टिन एम. डांगो का चेन्नई में एक अस्पताल में उपचार चल रहा है, जिसके चलते वह मतदान में हिस्सा नहीं ले सके। वहीं पार्टी के संसदीय सचिव जस्टिन डखार बेंगलुरू में होने के कारण मत नहीं डाल सके।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी फ्रेडरिक रॉय खारकोंगोर ने बताया कि एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोप में शिलांग जेल में बंद निर्दलीय विधायक जूलियस किटबॉक डोरफैंग ने मतदान में हिस्सा लेने की इच्छा नहीं जताई थी।
विपक्षी दल यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) के विधायक ब्रोलडिंग नोंगसीज ने राष्ट्रपति चुनाव से दूर रहने का फैसला किया था।
यूडीपी के नेता बिंदो मैथ्यू लानोंग ने कहा कि हमें नहीं पता कि नोंगसीज ने किस वजह से मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
विपक्षी दल हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) के चारों विधायकों ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के अल्पसंख्यक-विरोधी रुख के विरोध में मतदान से दूर रहने का फैसला किया था।
चारों विधायकों ने कांग्रेस उम्मीदवार मीरा कुमार के पक्ष में भी मतदान न करने का फैसला किया था, क्योंकि उनका आरोप था कि कांग्रेस पिछले कई दशकों से देश का शासन संभालने में असफल रही है।
इस बीच मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने राजग उम्मीदवार कोविंद का समर्थन करने वाले विधायकों पर तीखा हमला किया।
संगमा ने मतदान के बाद पत्रकारों से कहा कि यह देखना मजेदार होगा कि क्या नतीजा निकलता है, क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के उम्मीदवार कोविंद के समर्थन में किसी भी विधायक द्वारा मतदान करने का मतलब होगा राजग और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एजेंडा को आगे बढ़ाना।
संगमा ने एचएसपीडीपी विधायकों द्वारा मीरा कुमार के पक्ष में मतदान करने की उम्मीद व्यक्त की। मेघालय में सत्तारूढ़ मेघालय यूनाइटेड अलायंस के विधानसभा में 44 सदस्य हैं, जिनमें से 30 सदस्य कांग्रेस से, दो नेशनलिस्ट कांग्रेस से, 11 निर्दलीय और एक विधायक नॉर्थ ईस्ट सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं।