कानपुर। लोगों को पुलिस में और सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले फर्जी आईजी को कानपुर क्राइम ब्रांच टीम ने असम के गुवाहाटी से गिरफ्तार कर कानपुर ले आईं।
कानपुर में ट्रांजिट रिमांड पर लेने के बाद सीआईएसएफ में ठगी कर नौकरी दिलाने के बात फर्जी आईजी ने कबूल की है। पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर बनाए गए सर्विस के कई फर्जी कागजात भी पकड़े गए अभियुक्त से बरामद किए हैं।
सीओ क्राइम विवेक त्रपाठी ने बताया कि अभियुक्त सिद्धान्त सिंह उर्फ कृष्णा कुमार सिंह, उर्फ संतोष सिंह, जो खुद को सीआईएसएफ का आईजी बताता था। इसको थाना पलटन बाजार क्षेत्र, असम के गुवाहाटी से गिरफ्तार किया गया।
इसके ऊपर फर्जी नौकरी दिलाने के नाम पर थाना पलटन बाजार मुकदमा दर्ज है। अपराधी सिद्धान्त सिंह द्वारा एक अन्य व्यक्ति गोपाल साहा झारखंड के साथ मिलकर घटना करता था।
ऐसे तलाश करते थे शिकार
सीओ क्राइम ने बताया कि सिद्धान्त इंटरनेट से प्रभावी व चर्चित व्यक्तियों के फोन नंबर पता करके उन्हें फर्जी पतों से लिए गए सिम से फोन करके आईजी सीआईएसएफ बनकर फोन करता था और नौकरी का लालच देकर उनसे लड़के भेजने को कहता था। उम्मीदवारों को गुवाहाटी बुलाता था।
उनसे 15,000 रुपए (मेडिकल फीस) और उसके शैक्षणिक दस्तावेज को लेकर एक लिफाफे में रख लेता था। फिर एक व्यक्ति फालोवर बनकर लिफाफा ले लेता था और अगले दिन आने को कहता था। स्वयं अभियुक्तगण पैसे लेकर भाग जाते थे और मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर देते थे।
कानपुर का भी युवक आया झांसे में
ऐसी ही नौकरी दिलाने के नाम पर एक ठगी कानपुर के शिवली रोड में रहने वाले प्रकाश शर्मा को भी फंसा लिया। जिसकी शिकायत पर पुलिस ने इस फर्जी आईजी को असम प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी के कब्जे से नौकरी के फर्जी कागजात और चार अदद मोबाइल फोन, ग्यारह सिम, सात एटीएम कार्ड और वोटर आईडी, पैनकार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किया है, जो बेंगलुरु से बना हुआ है। पुलिस इसके बेंगलुरु के भी नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटा रही है। फिलहाल पुलिस ने पकड़े गए अभियुक्त के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए जेल भेज दिया है।