मेरठ। परीक्षितगढ़ के सौंदत्त में हुए डबल मर्डर का खुलासा पुलिस ने कर दिया। हिस्ट्रीशीटर शाहिद ने ही अपनी पत्नी और बेटे को मरवाया था।
घटना से पूर्व गहरी साजिश रची गई और दुश्मनों को फंसाने का षड्यंत्र रचा गया। जिसके बाद वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित दो बदमाशों को गिरफ्तार किया हैए जिन्होंने वारदात करना स्वीकार कर लिया।
पुलिस लाइन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए एसएसपी जे. रविन्द्र गौड ने बताया कि 26 जुलाई को परीक्षितगढ़ क्षेत्र के गांव सौंदत्त निवासी शाहिद पुत्र मुनाजर ने गांव के ही अनीस, शौकीन पुत्रगण इस्लाम, समीर पुत्र अनीस, गफ्फार पुत्र किफायत, इमरान पुत्र इस्लाम व वसीम पुत्र मुन्ने निवासी शफियाबाद लोटी थाना मुंडाली, तमकीन, मतीन पुत्रगण मुस्ताक निवासी बदरखा थाना गढ़मुक्तेश्वर तथा एक अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
आरोप था कि उक्त् आरोपी 25 जुलाई की रात्रि घर में घुसे और उसकी पत्नी जुबैदा तथा दो वर्षीय पुत्र आहद की गोली मारकर हत्या कर दी।
बकौल एसएसपी जांच के दौरान सामने आया कि शाहिद की नामजदों से रंजिश चली आ रही है। बदला लेने के लिए षड्यंत्र के तहत उन्हें झूठा फंसाया जा रहा है। इसके लिए शाहिद ने मुनव्वर, इकबाल, जब्बार, जावेद और एतकाद को साथ मिलाया। योजना के तहत पत्नी और पुत्र की हत्या करवा दी।
पुलिस ने उक्त लोगों के घर पर दबिश दी तो वे फरार मिले। परिक्षितगढ़ पुलिस ने सर्विलांस की मदद ली और मुखबिर की सूचना पर शाहिद, इकबाल को अगवानपुर चैराहे से गिरफ्तार कर लिया। थाने लाकर शाहिद से पूछताछ की गई तो उसने घटना करना स्वीकार कर लिया।
अगर जुबैदा मर गई तो दूसरी शादी करा देंगे
एसएसपी ने बताया कि घटना से 25 दिन पूर्व इकबाल को शाहिद ने मुनव्वर के यहां बुलवाया। जहां पहले से एतकाद, जब्बार और जावेद बैठे थे। शाहिद का नामजद अनीस व शौकीन से रूपयों को लेकर विवाद चल रहा था।
एतकाद के पिता मुनकाद को गांव दयालपुर के अम्बे प्रसाद की हत्या में अनीस ने होईकोर्ट से पैरवी करके जेल भिजवा था, जिसमें मुनकाद को उम्र कैद की सजा हुई थी। इसके बाद अनीस व शौकीन का इंतजाम करने के लिए शाहिद को तैयार किया गया।
इसके बदले तय हुआ कि शाहिद का भाई उमर सउदी अरब में रहता है, उसका मकान शाहिद को दिलवा दिया जाएगा। तय हुआ कि जुबैदा को गोली के छर्रें मारे जाएगे। रात्रि 11 बजे घटना को अंजाम देने के लिए बैठक हुई।
बैठक में जुबैदा और उसके बच्चे की हत्या का निर्णय लिया गया, ताकि केस कमजोर न बने और पुलिस फर्जी न माने। अगर शाहिद की पत्नी मर गई तो उसकी दूसरी शादी करा देंगे। इसके लिए शाहिद भी तैयार हो गया।
हत्या के बाद शाहिद को दिए गए थे दस हजार रूपए
बकौल एसएसपी योजना के मुताबिक एतकाद, जब्बार, जावेद, इकबाल तमंचे लेकर रात्रि करीब 1 बजकर 45 मिनट पर शाहिद के घर पहुंचे। इकबाल ने तमंचे की बट मारकर शीशा तोड़ा और हाथ अंदर डालकर कुंडी खोल दी।
अंदर घुसने के बाद जावेद ने पहली गोली शाहिद के पुत्र आहद को मारी। घर में बदमाशों को देख और पुत्र की हत्या के बाद जुबैदा बौखला गई और उनसे भिड़ गई। एतकाद और जब्बार ने जुबैदा को नीचे गिरा लिया और सीने पर घुटनों से दबाकर गोली मार दी।
जुबैदा की हत्या के बाद शाहिद ने ऊपर छत पर चढ़कर शोर मचा दिया। इसके बाद सभी हवाई फायरिंग करते हुए फरार हो गए। घटना के बाद खर्चें के लिए मुनव्वर ने शाहिद को दस हजार रूपये भी भिजवाए थे। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्तल् तमंचे और 8500 रूपये बरामद कर लिए।