सूरत। निजी स्कूल जैसी सुविधाएं प्रदान करने का दावा करने वाली सूरत महानगर पालिका संचालित नगर प्राथमिक शिक्षा समिति बच्चों के लिए पूरे शिक्षकों की सुविधा नहीं कर पा रही है। स्कूल और कार्यालयों का कार्य सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रशासनिक कर्मचारियों का भी अभाव है। इन खाली पदों का सीधा असर बच्चों की शिक्षा और उन्हें प्रदान की जाने वाली सुविधाओं पर पड़ रहा है।
नगर प्राथमिक शिक्षा समिति की 270 शालाओं में 1,30,000 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। समिति इन विद्यार्थियों को निजी स्कूल जैसी सुविधाएं प्रदान करने का दावा करती है। कम्प्यूटर, खेल का मैदान, गणवेश, जूते, किताबें और गुणवत्ता वाली शिक्षा देने की बात की जाती है। हर साल समिति के बजट में बढ़ोतरी की जाती है, लेकिन गुणवत्ता और सुविधाएं मात्र पन्नों पर नजर आती हैं। यह पन्ने ही दावों की पोल भी खोल देते हैं।
पन्नों पर शिक्षकों की कमी दर्ज है। कक्षा 1 से 5 के लिए हिन्दी माध्यम में 81, उर्दू में 71 और उडिय़ा में 39 शिक्षकों की कमी है। सूरत नगर प्राथमिक शिक्षा समिति राज्य में एकमात्र समिति है, जिसके स्कूलों में सात माध्यमों में शिक्षा दी जाती है। इनमें अंग्रेजी शामिल है। अंग्रेजी माध्यम शुरू किए जाते समय सरकार ने 10 शिक्षकों के पदों को मंजूरी दी थी, लेकिन अभी तक यह पद नहीं भरे गए।
यहां भी शिक्षक नहीं
शिक्षकों के खाली पदों का खामियाजा कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थी भी भुगत रहे हैं। गुजराती माध्यम में 92, हिन्दी में 48, उर्दू में 122, मराठी में 150, तेलुगु में 2, उडिय़ा में 19 शिक्षकों की कमी है। कक्षा 1 से 5 में 201 और कक्षा 6 से 8 में 433 शिक्षकों की कमी है। कुल मिलाकर 634 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। समिति के कार्यालयों में स्टाफ की भी कमी है। उपशासनाधिकारी से सफाई कर्मचारियों तक के कई पद खाली पड़े हैं। कर्मचारी नहीं होने से स्कूलों की व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
शिक्षकों की कमी
(कक्षा 1 से 8)
गुजराती 92
हिन्दी 29
उर्दू 193
मराठी 150
तेलुगु 02
उडिय़ा 58
अंग्रेजी 10
कुल 634
कर्मचारी नहीं
उपशासनाधिकारी 1
निरीक्षक 5
ग्रेज्युएटल निरीक्षक 1
शारीरिक केलवणी निरीक्षक 2
ट्रेनी निरीक्षक 3
मराठी-उर्दू निरीक्षक 2
सेक्शन ऑफिसर 2
सीनियर क्लर्क 2
जूनियर क्लर्क 23
सुथार 1
ड्राइवर 1
सफाई कर्मी 88
कुल 130