गुरेज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जम्मू एवं कश्मीर की मनोहर घाटी में सैनिकों के साथ दिवाली मनाई। मोदी ने सश्स्त्र सेना को ‘मेरा परिवार’ कह कर संबोधित किया और कहा कि सैनिकों के साथ समय बिताने से वह किस हद तक ऊर्जा से भर जाते हैं।
सैन्य वर्दी में, आंखों पर काला चश्मा लगाए मोदी ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास गुरेज में सैनिकों के साथ करीब दो घंटे बिताए। एलओसी भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू एवं कश्मीर को बांटती है।
उन्होंने सैनिकों को मिठाई और उपहार दिए, शुभकामनाएं दीं। साथ ही देश की रक्षा में सशस्त्र बलों के बलिदान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हर किसी की तरह वह भी अपने परिवार के साथ दिवाली मनाने की कामना करते हैं।
सैनिकों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि इसीलिए, मैं यहां आया हूं क्योंकि आप मेरे परिवार हैं। जब मैं आपसे हाथ मिलाता हूं, तो आपको शायद लगता होगा कि यह महज एक औपचारिकता है। लेकिन यह मेरे लिए एक औपचारिकता नहीं है। इससे मुझे नई ऊर्जा मिलती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि सीमाओं पर सैनिक नियमित रूप से योग का अभ्यास करते हैं, जो ‘निश्चित रूप से उनकी क्षमताओं को बढ़ाएगा और उन्हें सुकून का अहसास देगा।
उन्होंने कहा कि जो सैनिक अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद सशस्त्र बलों को छोड़ते हैं वे अच्छे योग प्रशिक्षक बन सकते हैं।
आगंतुकों की पुस्तिका में मोदी ने लिखा कि अपने प्रियजनों से दूर मातृभूमि की रक्षा करना, बलिदान की सर्वोच्च परंपराएं प्रदर्शित करना..देश की सीमाओं पर सभी सैनिक बहादुरी और समर्पण के प्रतीक हैं।
उन्होंने कहा कि मेरे पास मौका है दिवाली का त्योहार आपके साथ मनाने का। इस उत्सव के अवसर पर सीमा पर बहादुर सैनिकों की उपस्थिति आशा की रोशनी जलाती है और करोड़ों भारतीयों के बीच नई ऊर्जा उत्पन्न करती है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ, 2022 के लिए प्रत्येक भारतीय नागरिक को एक संकल्प लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया के सपने को पूरा करने के लिए हम सभी के पास साथ मिलकर काम करने का एक सुनहरा मौका है। सेना भी इसका एक हिस्सा है।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार हर संभव तरीके से सैन्य कर्मियों के कल्याण और भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने एक रैंक, एक पेंशन के कार्यान्वयन के बारे में बताया जो दशकों से लंबित था।
सेना प्रमुख जनरल बी.एस. रावत और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे। प्रधानमंत्री, उत्तर कश्मीर के बांदीपोर जिले में श्रीनगर से लगभग 130 किलोमीटर दूर गुरेज सीमा क्षेत्र में सेना के दावर ब्रिगेड मुख्यालय पहुंचे थे।
गुरेज पाकिस्तान के नियंत्रण वाले कश्मीर के गिलगिट-बाल्तिस्तान के लिए प्रवेश द्वार है। यह लगातार चौथी दिवाली है जो मोदी ने सैनिकों के साथ मनाई है। 2014 में सत्ता में आने के कुछ महीनों बाद, मोदी ने दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित सैन्य क्षेत्र सियाचिन में त्योहार मनाया था।