प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी की सरकार एक के बाद एक चौंकाने वाले निर्णय ले रही है। मोदी सरकार की सबसे बड़ी विशेषता यह हो गयी है कि अब यह सरकार मीडिया में चल रही चर्चाओं के बिलकुल विपरीत फैसले रही है और उसी आधर मीडिया पर मीडिया में नई चर्चाओं को जन्म दे रही है।
भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में फिल्म अभिनेता आमिर खान को अतुल्य भारत का ब्राड एम्बेसडर बनाया गया था। लेकिन विगत दिनों देश में चल रहे असहिष्णुता -सहिष्णुता के मुददे के बीच फिल्म अभिनेता आमिर खान ने बेहद विवादास्पद बयान देकर अपनी खिल्ली उड़वायी थी। जिसके बाद यह तय हो गया थ कि अब आमिर खान अतुल्य भारत के दूत नहीं रहेंगे।
साथ ही मीडिया में अतुल्य भारत के नए-नए नामों पर चर्चा का बाजार लगातार गर्म हो रहा था। इन नामों में फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार से लेकर फिल्म अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जैसे दिग्गजों के नाम चल रहे थे। लेकिन अतिंम निर्णय नहीं हो पा रहा था। हर नाम के साथ किसी न किसी प्रकार का विवाद ही सामने आ रहा था।
लेकिन इस बार तो पीएम मोदी ने अपनी कार्यशैली और निर्णय लेने की अपार क्षमता व परिपक्वता का निर्णय लेते हुए अतुल्य भारत के सर्वेसर्वा अब स्वयं हो गये हैं। कहा जाता है कि पीएम मोदी तब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब वहां पर भी पर्यटन उनका मुख्य विषय था तथा उनके शासनकाल में गुजरात में पर्यटन उद्योग का प्र्याप्त विकास भी हुआ था। गुजरात में पर्यटन के विकास में जो कार्य उन्हाने किये अब वहीं वह पूरे देशभर में फैलाना चाहते हैं।
पीएम मोदी के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद जो उद्योगपति, संस्थाएं, संगठन पर्यटन को बढ़ावा देने के काम में लगे हैं उनक मन में आशा व उत्साह का एक नया संचार हुआ है। पर्यटन के क्षेत्र में काम करने वाले लगभग सभी लोगों व संस्थाओं का विश्वास है कि अब पर्यटन के क्षेत्र में अच्छे दिन अवश्य ही आ जाएंगे।
आजादी के 70 साल के बाद देश के इतिहास में संभवतः पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि जब स्वयं प्रधानमंत्री ने आगे बढ़कर एक और बढ़ी जिम्मेदारी को अपने ऊपर लिया है। अब पीएम मोदी अतुल्य भारत के विज्ञापनों में पर्यटकों से भारी संख्या में भारत आने की अपील करते हुए दिखलाई पड़ेंगे।
अभी पीएम मोदी की कार्यप्रणाली कैसी रहेगी इसका पूरी तरह से खुलासा नहीं हुआ है लेकिन इतना तय है कि अब टीवी चैनलों व प्रिंट मीडिया में विज्ञापनों में उनके चित्र के साथ व्यापक अपीलें प्रकाशित होने वाली है तथा वह फिल्मी कलाकारों की तरह ही पूरी दुनिया को भारत के विषय में जानकारी देंगे।
पर्यटन उद्योग के क्षेत्र में काम रहे लोगों का मत है कि पीएम मोदी ने विगत दो साल के अंदर जिन देशों की यात्रा की हैं और उन देशों में उनकी लोकप्रियता में जिस कदर वृद्धि हुई है आज उसी का प्रतिफल है कि उन देशों से 5 से 40 प्रतिशत तक पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है। साथ ही इन लोगो का मत है कि अब अतुल्य भारत की कमान पीएम मोदी के हाथों में आ जाने के बाद पर्यटन क्षेत्र में और अधिक बूम होगा।
पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता विदेशों और सोशल मीडिया में चरम पर है। मोदी दुनिया भर मे सांतवें नम्बर के सबसे शक्तिशाली व लोकप्रिय नेता हैं। उनके सोशल मीडिया में लाखों की संख्या में फालोवर है। पीएम मोदी की अपीलों का असर होकर रहेगा। लेकिन पीएम मोदी के समक्ष यहां से चुनौतियां भी मुंह बाये खड़ी होंगी। जिस प्रकार से यदि भारत में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा तो फिर उसी हिसाब से भारत आने वाले पर्यटकों को सस्ती और आसान सुख–सुविधाएं भी उपलब्ध करानी होंगी।
पर्यटन के क्षेत्र में विकास की अपार संभावना तो है ही उसके साथ रोजगार बढ़ाने का भी सशक्त माध्यम है। पर्यटन के क्षेत्र में फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, लेखन, स्थल विशेष का विभिन्न भाशाओं में लेखन सामग्री, प्रचार समाग्री सहित उत्तम होटल प्रबंधन, यातायात, चिकित्सा सुविधा आदि उपलब्ध करानी होगी। सबसे बड़ी बात यह है कि विदेशी अतिथियों के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता उनको पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराने की होगी।
जब पर्यटक भारी संख्या में आने लगेंगे तथा उनमें भारत के प्रति एक असीम प्रेम की भावना हिलोंरे लेगी तब पर्यटन के क्षेत्र में निवेश भी उसी रफ्तार से बढ़ेंगा। आज भारत में हर राज्य में कोई न कोई ऐतिहासिक, धार्मिक स्थल हैं। कई पर्यटन केंद्र तो स्थानीय स्तर पर भी लोकप्रिय तो है। लेकिन उनका पूरे भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व में भी प्रचार किया जाए तो उनका विकास हो जाएगा।
लेकिन इतना सबकुछ करने के लिए भारी निवेश की आवश्यकता होगी। आज भारत के हर राज्य की अपनी पर्यटन नीति है। उत्तर प्रदेश की पर्यटन नीति मुस्लिम तुष्टीकरण पर आधारित हो गयी है। फिलहाल भारत में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में पर्यटन नीति सानता पर आधारित हैं वहां पर हर समाज व वर्ग के स्थलों का पर्याप्त ध्यान रखा जा रहा है लेकिन अभी मुम्बई घूमना थोड़ा सा कठिन है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत की पर्यटन नीति भी लगभग सबका साथ सबका विकास की तर्ज पर पूरी करनी होगी। कानून व्यवस्था के मामले में सरकार को बहुत काम करना होगा। कई पर्यटक स्थलों पर विदेशी महिला पर्यटकों के साथ आपराधिक वारदातें घटित हो चुकी हैं। जिसके कारण भारत की संस्कृति व सभ्यता कई बार पूरी दुनिया के सामने शर्मसार हो चुकी है।
पीएम मोदी द्वारा अतुल्य भारत की कमान संभालने के बाद कुछ दलों व स्वार्थी तत्वों को शिकायत हो सकती है तथा वे लोग पीएम मोदी की नीति पर हमला बोलने से भी नहीं बाज आने वाले क्योकि अभी तक पीएम मोदी ने जिन देशों की यात्रा की हैं वहां पर अपनी यात्रा के दौरान सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को ही बढ़ावा दिया है।
उनकी नई नीति में कम से कम यह स्पष्ट है कि नई नीति सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर ही आधारित रहने वाली है। पूर्वोत्तर राज्यों पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। बौद्ध केंद्राें का पर्याप्त विकास और प्रचार – प्रसार किया जाएगा। आजादी के दौरान शहीद होने वाले सभी क्रांतिकारियों व उनसे संबंधित स्थलों का विकास व प्रसार किया जाएगा। नई पर्यटन नीति एक भारत श्रेष्ठ भारत पर आधारित होगी।
नए पर्यटन केंद्रों का विकास किया जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने में रेलवे, एयरलाईंस व स्थानीय स्तर पर यातायात व दूरसंचार प्रणाली का विशेष सहयोग उपलब्ध कराना होगा। तब कहीं जाकर पर्यटन एक ऐसा केंद्र बनकर उभरेगा वहीं प्र्यटन के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं भी पैदा होंगी।
पर्यटन से संबंधित पाठयक्रमों का विकास व विस्तार करना होगा जिसके माध्यम से प्रशिक्षित युवा इस क्षेत्र में काम करने के लिए आगे आ सकेंगे। पर्यटन के क्षेत्र मे कौशल विकास मिशन के माडल को अपनाकर रोजगार के नए क्षेत्र सृजित करने के भी पर्याप्त अवसर होंगे।
मृत्युंजय दीक्षित