नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली ऐसा है कि वह उसमें किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करते। वे काम को लेकर सख्त माने जाते हैं।
यही कारण है कि हाल ही में एक बैठक में वह अपने सचिवों के कामकाज को लेकर नाराज हो गए और बैठक बीच में ही छोड़कर चले गए।
बताया जा रहा है कि मोदी विभिन्न विभागों के सचिवों के काम से खुश नहीं हैं। वह अधिकारियों की आधी-अधूरी तैयारियों से खफा होकर प्रेजेंटेशन बीच में छोड़कर ही चले गए।
मोदी ने प्रेजेंटेशन में अधिकारियों को और मेहनत करने को कहा। उनका प्रेजेंटेशन के बीच में ही उठकर चले जाना थोड़ा असामान्य था, क्योंकि आमतौर पर वह हमेशा पूरे प्रेजेंटेशन के दौरान बैठते हैं और एक-एक बिंदु पर चर्चा करते हैं।
प्रधानमंत्री की पहली बार की नाराजगी कृषि और उससे जुड़े विभाग के अधिकारियों से हुई मीटिंग में सामने आई। वहीं पिछले हफ्ते जब उनकी स्वास्थ्य, स्वच्छता और शहरी विकास के सचिवों के साथ बैठक हुई तो वे उठकर चले गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार के शीर्ष अधिकारियों से कहा कि समेकित रूप से सोचना जारी रखें और ठोस परिणामों को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार नए विचारों के प्रति खुली हुई है।
प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार के सचिवों के दो समूहों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की जिन्होंने शिक्षा और आपदा प्रबंधन पर अपने विचार रखे।