उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन में सिंहस्थ अपने चरम पर पहुंच चुका है। यहां ग्राम निनौरा में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय विचार महाकुंभ का समापन होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया को सार्वभौमिक संदेश देंगे।
इस आयोजन में शिरकत करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी उज्जैन पहुंच चुके हैं। इंदौर विमानतल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और महापौर मालिनी गौड़ ने उनका स्वागत किया।
प्रधानमंत्री दिल्ली से विमान द्वारा इंदौर विमानतल पर पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद यहां से मोदी हेलीकॉप्टर द्वारा उज्जैन पहुंचे और हेलीकॉप्टर से पूरे सिंहस्थ क्षेत्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
सिंहस्थ महापर्व-2016 के दौरान ग्राम निनौरा में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय विचार महाकुंभ के समापन समारोह में श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना भी शिरकत करने पहुंचे। उनकी प्रधानमंत्री ने अगवानी की।
विमानतल से मोदी निनौरा पहुंचे। उन्होंने हेलिकॉप्टर में बैठकर सिंहस्थ मेला क्षेत्र का जायजा लिया। मोदी ने महाकुंभ में सिंहस्थ का घोषणा पत्र जारी किया। इसे अन्य देशों को भी भेजा जाएगा।
समापन समारोह में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि संतों के विचार-विमर्श द्वारा समाज का मार्गदर्शन करने वाले समागम को कुम्भ कहते हैं। हमारी संस्कृति की विशेषता है कि किसी प्रकार की आसक्ति न रख कर हम वैश्विक विकास की बात करते हैं। सहयोग व समन्वय, साथ-साथ जीने का भाव हमारी संस्कृति हमें सिखाती है। पहले अपनी नश्वर देह को पहचानो फिर दूसरी बातों पर विचार करो।
समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विचार महाकुंभ के सार्वभौम संदेश को विश्व के समक्ष रखते हुए इस विचार महायज्ञ को पूर्णता प्रदान करेंगे। इस मौके पर जहां दुनिया के पांच देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं वहीं अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री भी बतौर अतिथि विशेष रूप से मौजूद हैं। गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा, झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास भी मंच पर हैं।
समापन के मौके पर श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित हैं। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ विद्वान मौजूद हैं। विचार महाकुंभ के आखिरी दिन सम्यक जीवन पर वैचारिक सत्र में कई विद्वान अपने विचार व सुझाव रखेंगे। विचार महाकुंभ में देश के संत-महात्माओं, विद्वान-मनीषियों ने विभिन्न मुददों पर मंथन किया।
तीन दिनों के दौरान विचार महाकुंभ में स्वच्छता सरिता कुंभ, सतत विकास एवं जलवायु परिवर्तन, सम्यक जीवन, शक्ति कुंभ, कृषि एवं कुटीर कुंभ के वैचारिक सत्र आयोजित हुए हैं।