शियामेन।| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को शांति और विकास के लिए ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर बल देते हुए ब्रिक्स और अफ्रीकी देशों के बीच क्षमता निर्माण में सहयोग का स्वागत किया।
मोदी ने ब्रिक्स देशों के तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि शांति और विकास के लिए सहयोग महत्वपूर्ण है। नवाचार और डिजिटल अर्थव्यवस्था पर ब्रिक्स देशों की मजबूत भागीदारी विकास और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के साथ ही सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का समर्थन करने में सहायता कर सकती है।
उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत में गर्मजोशी से स्वागत के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का आभार जताया।
प्रधानमंत्री ने स्मार्ट शहरों, शहरीकरण और आपदा प्रबंधन में सहयोग बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हम स्वास्थ्य, स्वच्छता, कौशल, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा, शिक्षा, लैंगिक समानता सुनिश्चित करने और गरीबी उन्मूलन के मिशन पर हैं।
उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देश (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) सौर ऊर्जा एजेंडे को मजबूत करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के साथ मिलकर काम कर सकते हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि यह किफायती, विश्वसनीय और टिकाऊ ऊर्जा हमारे देशों के विकास के लिए बेहद जरूरी है।
मोदी ने कहा कि अक्षय ऊर्जा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। लोगों के बीच आदान-प्रदान में तेजी लाने की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि इस तरह के परस्पर मेल-मिलाप ने हमारे संबंधों को मजबूत किया है।
उन्होंने कहा कि अनिश्चितता की तरफ बढ़ रहे विश्व में ब्रिक्स ने सहयोग, स्थिरता और विकास का एक मजबूत ढांचा तैयार किया है।
प्रधानमंत्री ने कौशल, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, विनिर्माण और संचार के क्षेत्र में ब्रिक्स और अफ्रीकी देशों के बीच क्षमता निर्माण में सहयोग का स्वागत किया।
सम्मेलन में भाग लेने के लिए रविवार को शियामेन पहुंचे मोदी ने कहा कि हमारे केंद्रीय बैंकों को अपनी क्षमताओं को और मजबूत करना चाहिए और कॉन्टिजेंट रिजर्व अरेंजमेंट (ब्रिक्स का एक तंत्र) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के बीच सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए।
उन्होंने विकासशील देशों की संप्रभुता और कॉर्पोरेट संस्थाओं के वित्तपोषण की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी के गठन का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने उत्पादकता गुणक के रूप में महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि आज हमारे प्रयासों ने कृषि, संस्कृति, पर्यावरण, ऊर्जा, खेल और आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) के विभिन्न क्षेत्रों को स्पर्श किया है।
चीन ने ब्रिक्स सदस्यों के अलावा मिस्र, केन्या, ताजिकिस्तान, मैक्सिको और थाईलैंड को शिखर सम्मेलन के विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। मोदी और शी मंगलवार को ब्रिक्स सम्मेलन के इतर विभिन्न मुद्दों पर बात करने के लिए मुलाकात करेंगे।