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प्रधानमंत्री ने फेसबुक पर दी अपनी नौ दिवसीय यात्रा की जानकारी - Sabguru News
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प्रधानमंत्री ने फेसबुक पर दी अपनी नौ दिवसीय यात्रा की जानकारी

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प्रधानमंत्री ने फेसबुक पर दी अपनी नौ दिवसीय यात्रा की जानकारी
Prime Minister Narendra modi gave his nine day trip information on Facebook
Prime Minister Narendra modi gave his nine day trip information on Facebook
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नई दिल्ली। नौ दिवसीय दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने अपनी मध्‍य एशियाई देशों और रूस के दौरे से संबंधित कुछ जानकारियां अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट की हैं।

प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा को लेकर बताया है कि छह जुलाई से मैं पांच मध्‍य एशियाई देशों और रूस के दौरे पर जा रहा हुँ अपनी यात्रा के दौरान मैं ब्रिक्‍स और एससीओ शिखर सम्‍मेलन में शिरकत करूंगा।

मेरी पहली यात्रा उज़बेकिस्‍तान की होगी जो मध्‍य एशिया का सबसे अधिक जनसंख्‍या वाला देश है। भारत और उज़बेकिस्‍तान के बीच एक करीबी सामरिक साझेदारी है। तीन हजार से भी ज्यादा भारतीय वाला देश उज़बेकिस्‍तान में, मैं राष्‍ट्रपति कारिमोव से मिल कर दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने के और प्रयास करुगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम उज़बेकिस्‍तान के साथ अपने आर्थिक संबंधों का विस्‍तार और व्‍यापारिक एवं आर्थिक संपर्कों को बढ़ाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, यह सर्वविदित है कि उज़बेकिस्‍तान में भारतीय फिल्‍में, भाषा और संगीत बहुत लोकप्रिय है।

उज़बेक रेडियो ने साल 2012 में हिंदी प्रसारण के पचास वर्ष पूरे कर लिए थे। इस यात्रा के दौरान मैं भारतीय साहित्‍य को पढ़ने वाले और हिंदी सीखने वाले छात्रों तथा भारतीय समुदाय के सदस्‍यों से वार्तालाप करूंगा। प्रधानमंत्री ने कहा है कि

यह वही देश है  जहां हमने अपने सर्वाधिक लोकप्रिय और सम्‍मानित नेता श्री लालबहादुर शास्‍त्री जी को खो दिया था जिन्‍होंने हमारे राष्‍ट्र को ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा देकर जोश से भर दिया था। मैं अपनी यात्रा के दौरान भारत के इस स्‍वाभिमानी पुत्र को अपने श्रद्धा सुमन भी अर्पित करूँगा।

प्रधानमंत्री ने बताया, मैं सात और आठ जुलाई को सबसे बड़े मध्‍य एशियाई देश कज़ाकिस्‍तान में रहूँगा। मध्‍य एशिया की यात्रा के दौरान ये मेरा दूसरा पड़ाव होगा। कज़ाकिस्‍तान मध्‍य एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्‍यापारिक साझेदार है और विभिन्‍न अंतर्राष्‍ट्रीय मंचों पर भारत का अहम मित्र भी है।

भारत और कज़ाकिस्‍तान के बीच एक सामरिक साझेदारी है जो इस बात का संकेत करती है कि हम किस तरह के संबंधों में कज़ाकिस्‍तान से जुड़े हैं। उन्होंने कहा, कज़ाकिस्‍तान में मैं राष्‍ट्रपति नज़रबायेव से मुलाकात करूँगा और उन्‍हें छह जुलाई को 75 वर्ष का होने पर अपनी शुभकामनाएं व्‍यक्‍त करूँगा।

मैं प्रधानमंत्री करीम मास्सिमोव से भी मुलाकात करूँगा जिनके साथ मुझे इस वर्ष मार्च में सिंगापुर में बैठक करने का अवसर मिला था। वहां राष्‍ट्रपति नज़रबायेव के साथ एक प्रतिनिधि स्‍तर की वार्तालाप और इसके पश्‍चात दस्‍तावेजों पर हस्‍ताक्षर के साथ एक संयुक्‍त संवाददाता सम्‍मेलन भी होगा।

प्रधानमंत्री के अनुसार भारत और कज़ाकिस्‍तान ऊर्जा और अंतरिक्ष सहित व्‍यापक क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं। मैं अपने आर्थिक संबंधों में और विस्तार के व्‍यापक अवसर के प्रति आशान्वित हूँ। भारत और कज़ाकिस्‍तान कृषि के क्षेत्र में भी अपने संबंधों को बढ़ा सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार कज़ाकिस्‍तान के साथ हमारे सांस्‍कृतिक संबंधों की जड़े काफी गहरी हैं। हमारी फिल्‍में, टीवी सीरियल और नृत्‍य यहां काफी लोकप्रिय हैं। इसके साथ ही योग भी यहां लोकप्रियता हासिल कर रहा है। जिस उत्‍साह के साथ कज़ाकिस्‍तान ने 21 जून को आयोजित हुए योग दिवस समारोहों में हिस्‍सा लिया  उसके लिए मुझे उनकी प्रशंसा करनी चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ईश्‍वर करे, यह यात्रा एक अहम मित्र के साथ हमारे मूल्‍यवान संबंधों के मामले में एक ऐतिहासिक अध्‍याय लिखे। मैं रूस के उफा में साथ में ब्रिक्‍स और एससीओ शिखर सम्‍मेलन में भागीदारी करूंगा। पिछले एक वर्ष में मुझे ब्राजील में हुए शिखर सम्‍मेलन में और अन्‍य अंतर्राष्‍ट्रीय मंचों के दौरान ब्रिक्‍स नेताओं से मुलाकात के अवसर मिले हैं।

पिछले वर्ष का शिखर सम्‍मेलन रचनात्‍मक था और मुझे विश्‍वास है कि पिछले शिखर सम्‍मेलन के दौरान निकले सकारात्‍मक परिणामों को हम अपना आधार बनाएंगे। मैं ब्रिक्‍स देशों के बीच आर्थिक सहयोग और सांस्‍कृतिक संबंधों में सकारात्‍मक परिणामों की आशा रखता हूं।

उन्होने कहा कि मैं नेताओं से व्‍यक्तिगत रूप से मुलाकात करूंगा और ब्रिक्‍स नेताओं के साथ-साथ उद्योग प्रमुखों तथा अन्‍य आमंत्रित देशों के नेताओं से भी विभिन्‍न वार्तालापों का हिस्‍सा बनूंगा। भारत ब्रिक्‍स के साथ उच्‍च महत्‍व के साथ जुड़ा है। यह एक महत्‍वपूर्ण मंच है  जो वैश्विक चुनौतियों से निपटने में प्रभावी रूप से सहयोग कर सकता है।

ब्रिक्‍स भविष्‍य में विश्‍व शांति और सुरक्षा के मामले में भी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा है तथा यह सुनिश्चित कर रहा है कि हम अपनी आगामी पीढि़यों को एक बेहतर वातावरण देकर जाएंगे।

नरेंद्र मोदी ने अपनी अगली यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन के बाद मैं 11 जुलाई को तुर्कमेनिस्‍तान में रहूंगा। वर्ष 1995 में श्री पी वी नरसिम्‍हा राव की यात्रा के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी।

मैं इस यात्रा को विभिन्‍न क्षेत्रों में भारत-तुर्कमेनिस्‍तान के बीच मजबूत संबंधों के शानदार अवसर के तौर पर देखता हूं। उन्होंने बताया कि यह यात्रा राष्‍ट्रपति गुरूबनगुली वर्दीमुहेमेदोव के साथ मुलाकात से प्रारंभ होगी। इस यात्रा के दौरान बैठकों के अलावा समझौतों पर हस्‍तक्षर और प्रेस के साथ एक वार्ता होगी।

तुर्कमेनिस्‍तान के साथ बेहतर संबंधों के मामले में जिन क्षेत्रों में मैं व्‍यापक संभावनाएं देखता हूं  उनमें पर्यटन, उर्वरक, अंतरिक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा रक्षा शामिल हैं। हमारा द्विपक्षीय व्‍यापार हमारी क्षमताओं से कम है और मुझे विश्‍वास है कि हम इसमें सुधार ला सकते हैं।

उन्होंने कहा कि मैं वहां महत्‍मा गांधी की एक प्रतिमा का अनावरण और एक पारंपरिक औषधि एवं योग केन्‍द्र का शुभारंभ करूंगा। तुर्कमेनिस्‍तान में योग के प्रति बढ़ते हुए उत्‍साह को देखकर मुझे बहुत प्रसन्‍नता है। इस दौरान मैं प्रथम राष्‍ट्रपति के मकबरे पर भी अपने श्रद्धासुमन अर्पित करूंगा। यह मेरा दृढ़ विश्‍वास है कि मेरी इस यात्रा से भारत और तुर्कमेनिस्‍तान के संबंधों को आगामी स्‍तर और हमारे नागरिकों के लाभ तक ले जाया जाएगा।

प्रधानमंत्र ने बताया कि 12 जुलाई को मेरी यात्रा का चौथा मध्‍य एशियाई देश किर्गिस्तान होगा। गत बीस वर्षों में प्रधानमंत्री का यह पहला दौरा होगा । राष्‍ट्रपति अलमाज़बेक अतामबायेव के साथ होने वाली मेरी वार्ता में जहां तक संभव हो  विभिन्‍न क्षेत्रों में किर्गिस्‍तान के साथ मजबूत साझेदारी बनाने के तरीकों पर ध्यान केन्द्रित रहेगा।

भारत और किर्गिस्‍तान के बीच मजबूत आर्थिक संबंध दीर्घकालिक दृष्टि से बहुत सहायक होंगे। मैं प्रधानमंत्री सेमिर तारियेव और संसद के अध्‍यक्ष श्री एसयेलबेक जीनबीकोव से मुलाकात करने की भी इच्‍छा रखता हूं।उन्होंने कहा कि हम किर्ग फील्‍ड अस्पताल को चिकित्‍सा उपकरण उपहार में देकर प्रसन्‍नता का अनुभव करेंगे। मुझे विश्‍वास है कि इससे किर्गिस्‍तान के अनेकों बहनों और भाईयों के जीवन को लाभ मिलेगा।

प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा कि ईश्‍वर करे, इस यात्रा से भारत- किर्गिस्‍तान के बीच मजबूत संबंधों का एक नया अध्‍याय प्रारंभ हो। 12 और 13 जुलाई को मैं ताजिकिस्‍तान में रहूंगा। इससे पहले नवम्‍बर, 2003 में अटलजी के द्वारा प्रधानमंत्री के तौर पर ताजिकिस्‍तान की यात्रा की गई थी।

प्रधानमंत्री ने बताया कि हम ताजिकिस्‍तान के साथ एक सामरिक साझेदारी और बेहद मजबूत रक्षा सहयोग रखते हैं। हालांकि हमारे आर्थिक सहयोग सीमित हैं और इनमें वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि मेरी यह यात्रा वर्तमान मजबूत राजनयिक और रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाएगी और हमारे आर्थिक संबंधों में एक नवीन अध्‍याय जोड़ेगी।

मैं इस दौरान राष्‍ट्रपति इमोमाली रहमौन से मुलाकात को लेकर भी आशान्वित हूं। हमारी मुलाकात के बाद प्रमुख समझौतों पर हस्‍ताक्षर भी किए जाएंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि अत्‍यंत लोकप्रिय और व्‍यापक रूप से विख्‍यात गुरुदेव रबिन्‍द्रनाथ टैगोर की एक प्रतिमा का दुशानबे में अनावरण भी किया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने आशा जताते हुए कहा है कि उनकी इस यात्रा से निकलने वाले परिणाम बहुत सकारात्‍मक होंगे और भविष्य में भारत और ताजिकिस्‍तान के बीच संबंधों को और मजबूत बनाएंगे।