नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) यात्रा के दूसरे दिन स्वच्छ तकनीक तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से लैस मसदर स्मार्ट सिटी का जायजा लिया।
प्रधानमंत्री ने यहां निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत में अभी एक हजार अरब डालर के निवेश की संभावनाएं हैं,इसलिए सरकार देश में निवेशकों की चिंताओं को दूर करने के लिए तुरंत कदम उठायेगी और पिछले 34 वर्षों की कमी को दूर करेगी।
श्री मोदी ने मसदर शहर में यूएई के शीर्ष कारोबारी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार को विरासत में कुछ समस्याएं मिली हैं जिसे दूर करना उनकी प्राथमिकता। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ अच्छे बिन्दुओं को ग्रहण करके समस्याओं को अलग नहीं छोड़ सकता हूं, क्योंकि पूर्व की सरकारों के अनिर्णय और सुस्ती के कारण कई चीजों में ठहराव आ गया है जिसको दूरकर चीजों को गति देना है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि यूएई के कुछ निवेशक समस्याओं का सामना कर रहे हैं और वह उन्हें आश्वासन देना चाहते हैं कि सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करेगी। उन्होंने कहा कि यूएई के कुछ निवेशकों को पेश आ रही समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास करने के लिए मैं वाणिज्य मंत्री को भेजूंगा।
पिछले 34 वर्षों में यूएई की यात्रा करने वाले पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूएई के निवेशकों के लिए भारत में आधारभूत संरचना, ऊर्जा और रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने यूएई निवेशकों से आग्रह किया कि वे भारत में निवेश के लिए आगे आएं और मिलकर 21वीं सदी को एशिया की सदी बनायें।
मोदी ने कहा कि आईएमएफ, विश्व बैंक और मूडी जैसी सभी प्रमुख वैश्विक संस्थाएं इस बात से सहमत हैं कि भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और इसमें विकास की अपार क्षमताएं हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर भारत तेज गति से विकास कर रहा है और दूसरी ओर विश्व एशिया की ओर देख रहा है। लेकिन यूएई के बिना एशिया अधूरा है।
मोदी ने कहा कि मैं साफ तौर पर देख सकता हूं कि यूएई को एशिया की मुख्यधारा के केंद्र में होना चाहिए। यूएई की शक्ति और भारत की क्षमता मिलकर इसे एशिया की सदी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत संभावनाओं का देश है। भारत की 125 करोड़ जनता बड़ा बाजार नहीं, लेकिन वे महान शक्ति का स्रोत हैं।
उधर, निवेशकों ने प्रधानमंत्री के सामने भारत में कारोबार की जटिल प्रक्रिया समेत अपनी समस्याएं रखते हुए कहा कि चीजों की मंजूरी के लिए एकल खिड़की व्यवस्था की जरूरत है।
प्रधानमंत्री के साथ बातचीत में कारोबारियों ने यह भी कहा कि इस बात की जरूरत है कि सरकार कारोबार के लिए उपयुक्त माहौल बनाने में निवेशकों का सामरिक साझीदार बने क्योंकि निवेशों की सुरक्षा के लिए इसकी सख्त जरूरत है।
यह मुद्दा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पश्चिम एशिया के निवेशकों सहित बड़ी संख्या में निवेशकों ने भारत में कराधान और अन्य नीतिगत समस्याओं का पूर्व में सामना किया है।
मसदर में अधिकारियों ने प्रधानमंत्री मोदी को जीरो कार्बन उत्सर्जन वाले इस शहर के विभिन्न आयाम के बारे में जानकारी दी। यह शहर यूएई की राजधानी अबूधाबी से 17 किलोमीटर दूर स्थित है। प्रधानमंत्री ने मसदर सिटी की आगंतुक पुस्तिका में लिखा, विज्ञान जीवन है।
मोदी ने नवोन्मेषी वैज्ञानिक विचारों पर आधारित निर्मित इस शहर के निर्माण से जुड़े विविध आयाम में खासी रूचि दिखायी। उन्होंने ट्वीट किया कि शहरी विकास और अगली पीढ़ी के शहरी आयाम के बारे में मसदर शहर में चर्चा कर रहा हूं।
प्रधानमंत्री ने मसदर शहर में स्वत: चलने वाली कार में सवारी भी की। यह सेल्फ ड्राइविंग कार मसदर शहर के प्राइवेट रैपिड ट्रांजिट का हिस्सा है।
एक अन्य टवीट में मोदी ने कहा कि हमने बीआरटी के बारे में सुना है। मसदर शहर में पीआरटी यानी प्राइवेट रैपिड ट्रांजिट है।
मोदी की एक झलक यहां पाने के लिए काफी संख्या में भारतीयों को देखा गया जो यूएई में रह रहे हैं। मोदी ने हाथ हिलाकर इन लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इस अनूठे शहर में मोदी की तस्वीर के साथ टवीट किया कि प्रधानमंत्री संभावनाओं को तलाश रहे हैं और मसदर सिटी की वास्तुकला के संबंध में भविष्य के शहरी नवोन्मेष के बारे में चर्चा कर रहे हैं।
मोदी यूएई की दो दिवसीय यात्रा पर कल यहां आए हैं। वह 34 वर्षो में यूएई आए पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1981 में यूएई का दौरा किया था।
यूएई पहुंचने के कुछ ही घंटे बाद मोदी रविवार को यहां की भव्य एवं ऐतिहासिक शेख जायेद मस्जिद गए । यह मस्जिद सउदी अरब की मक्का और मदीना के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद है।
प्रधानमंत्री कैम्प आईकैड नाम से विख्यात यूएई में कार्यरत विदेशी कामगारों के रिहायशी इलाके में भी गए और वहां भारतीय श्रमिकों से मिले। उन्होंने उनकी समस्याएं सुनी और भारत सरकार की ओर से मदद देने का आश्वासन दिया।