बेंगलुरु। कर्नाटक के कारागार महानिदेशक एच. सत्यनारायण राव ने एक महिला पुलिस अधिकारी के इन आरोपों से इनकार किया है कि उन्होंने जेल में बंद एआईएडीएमके महासचिव वी.के. शशिकला को विशेष सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पैसे लिए हैं।
डीआईजी (करागार) रूपा मुदगिल ने आरोप लगाया है कि शशिकला को पराप्पना अग्रहरा जेल में उनकी सेल में एक अस्थाई रसोईघर के साथ वीआईपी सुविधा दी जा रही है व दूसरे कैदी उनके लिए भोजन बना रहे हैं।
मुदगिल ने एक रिपोर्ट में पुलिस महानिदेशक व मुख्य सचिव पर आरोप लगाए हैं। कानून मंत्री टी.बी. जयचंद्रा ने जांच शुरू करने व जरूरी हुई तो कार्रवाई करने का भरोसा दिया है।
सत्यनारायण राव ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि शशिकला को वहां कोई सुविधा नहीं दी गई है। वह एक सामान्य कैदी हैं। उन्हें कोई अनुचित लाभ नहीं दिया गया है।
उन्होंने कहा कि यदि मुदगिल को तथाकथित सुविधाओं के बारे में जानकारी है तो वह उनसे इस पर चर्चा कर सकती हैं। लेकिन, बिना किसी साक्ष्य के इसकी सार्वजनिक तौर पर चर्चा करना गलत है।
राव ने कहा कि मुदगिल पहले भी कुछ मुद्दों पर सार्वजनिक तौर पर बोली थीं। इस पर उन्होंने मुदगिल को दो बार मेमो जारी किया था।
अपने आरोपों पर कायम मुदगिल ने अपने द्वारा लगाए गए आरोपों की तथ्यात्मक जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में तथ्य हैं।
एआईएडीएमके प्रवक्ता सीआर सरस्वती ने कहा कि शशिकला को दो अधिकारियों के झगड़े में खींचा जा रहा है क्योंकि वह एक वीआईपी हैं, अगर सामान्य व्यक्ति के खिलाफ आरोप लगाया जाता तो कोई ध्यान नहीं देता। इसीलिए शशिकला को इन्होंने अपने झगड़े में घसीट लिया है।