मुंबई। सीबीआई की विशेष अदालत ने मंगलवार को बाइकुला जेल अधिकारियों को बंदी इंद्राणी मुखर्जी को बुधवार को अदालत के सामने पेश करने का आदेश दिया। अदालत ने यह आदेश इंद्राणी के वकील के जेल में हमले की शिकायत पर दिया है।
वकील गुंजन मंगला ने कहा कि हमने विशेष न्यायाधीश जे.सी. जगदाले के समक्ष 24 जून को जेल में हुए दंगे में इंद्राणी के शरीर व सिर पर चोटों का हवाला देते हुए एक आवेदन किया है।
इसी घटना से जुड़े क्रम में, मुंबई के एनजीओ जय हो फाउंडेशन ने मंगलवार को बांबे उच्च न्यायालय में एक विशेष एजेंसी या केंद्रीय जांच ब्यूरो से जेल में हुई हिंसा के जांच का आदेश देने की अपील की।
अपने आवेदन में इंद्राणी ने यह भी दावा किया है कि उन्हें जेल में यौन उत्पीड़न की धमकी दी गई और यह बताया है कि शनिवार को जेल में हुई हिंसा के दौरान उन्हें कैसे चोटें आईं। हिंसा में एक महिला कैदी की मौत हो गई।
मंगला ने अपने आवेदन में कहा है कि इंद्राणी का कुछ दिमाग संबंधी बीमारियों का इलाज चल रहा था। साथ ही वह जानना चाहती हैं कि यदि इंद्राणी को जेल में कुछ होता है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा।
जेल हिंसा में जेल की वार्डन मंजुला शेट्टी (40) शिकार हुई हैं। मंजुला को अपने संबंधी की 1996 में हत्या के मामले में 14 साल की सजा दी गई थी, जिसकी सजा के कुछ महीने बाकी थे। उसने जेल के भंडार से शुक्रवार को कुछ राशन गायब होने की शिकायत की थी।
पुलिस द्वारा रिकार्ड किए गए गवाहों के बयान के मुताबिक उसे कथित तौर पर महिला जेलर द्वारा बुलाया गया था और निर्दयता से पीटा गया। शेट्टी को पास के सर जे.जे. अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।