कानपुर। कानपुर जिला जेल में हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा पाए एक कैदी की संदिग्ध मौत से जेल प्रशासन में हड़कम्प मच गया।
जेल अधिकारियों ने आनन-फानन में कैदी को जिला अस्पताल भेजा, जँहा डाक्टरों ने उसकी मौत की पुष्टि करते हुए अंतिम मोहर लगा दी। मृतक कैदी के परिजनों ने जेल के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
बर्रा थाना क्षेत्र के रहने वाले चरण सिंह (42) प्राइवेट नौकरी करते थे। सन् 2009 में चरण पर हत्या करने का आरोप लगा था। तब बर्रा पुलिस ने उस पर धारा 302 के तहत कार्यवाही की थी।
माननीय न्यायालय ने आरोपी को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के बाद से कैदी चरण कानपुर की जिला जेल में अपनी सजा काट रहा था। बीती रात अचानक जेल के अधिकारी चरण सिंह को लेकर उर्सला अस्पताल पहुंचे, जँहा डाक्टरों ने उसेे मृत घोषित कर दिया।
मृतक के जीजा ने साजिश करार दिया
मृतक के जीजा शिवकुमार सिंह का कहना है कि हमको साजिश लग रही है। डेडबॉडी को ही अस्पताल भेजा गया है। जेल के अंदर इनके साथ क्या हुआ यह पता नहीं है। अस्पताल के डाक्टर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यंहा डेडबॉडी लाई गई। जेल से डेडबॉडी निकलने के बाद जेल के लोगांे ने हम लोगों को सूचना दी यह जेल प्रशासन की लापरवाही है।
भतीजे ने लगाया जेल प्रशासन पर आरोप
मृतक कैदी के भतीजे विकास ने बताया कि हमारे चाचा 2009 में 302 के मामले में जेल गए थे। कुछ दिन पहले जेल में मिलने गए थे तो उन्होंने बताया था कि मेरी तबीयत खराब रहती है और जेल प्रशासन हमारा उपचार नहीं करा रहा है। उनकी मौत हो जाने के बाद जेलर ने फोन करके बताया।
जब हम लोग अस्पताल पहुंचे तो देखा उनकी डेडबॉडी देखी तो उनके शरीर पर चोट के निशान थे। यही नहीं शरीर से खून बहने और पूरा शरीर काला पड़ने का भी मृतक कैदी के परिजनों ने बात कही। जब डाक्टर से पूछा तो उन्होंने बताया कि इनकी मौत के बाद इनको अस्पताल लाया गया है।
जेल अधीक्षक ने दी सफाई
जेल के डिप्टी जेलर रणंजय सिंह खुद पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। लेकिन जब मीडिया ने कैदी चरण सिंह की मौत का कारण जानना चाहा तो उनके चेहरे की हवाई उड़ने लगी और वह कैमरे से दूर भागते नजर आये।
काफी जद्दोजहद के बाद जब पत्रकारों के सामने आए और जेल प्रशासन की तरफ से सफाई देने के अंदाज में बोले कि बंदी को हार्ट अटैक पड़ा था। हमने उसको उर्सला अस्पताल भेजा, जँहा डाक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया। उर्सला अस्पताल लाने से पहले जेल प्रशासन ने कैदी के परिजनों को इसकी जानकारी दे दी थी।
मौत का कारण न बन जाए रहस्य
कानपुर जिला जेल में अब तक कई कैदियों की मौत हो चुकी है। जेल प्रशासन हमेशा इस पर चुप्पी साध लेता है। अब कैदी चरण सिंह की मौत का जिम्मेदार कौन है, जेल प्रशासन या फिर कोई और। यह रहस्य पूर्व में हुई कैदियों की मौत की तरह भी एक राज बनकर न रहे जाए।