नई दिल्ली। निजी एयरलाइंस के हवाई किरायों में असमान बढ़ोतरी को लेकर सरकार ने अपना पक्ष साफ किया है।
सरकार ने मंगलवार को संसद में बताया कि निजी एयरलाइंस अपने किराए का निर्धारण खुद करती हैं, जो मौजूदा बाजार के हालात पर निर्भर होता है। इस तरह निजी एयरलाइंस के किराए में असमानता में सरकार का कोई हाथ नहीं होता है। फिर भी सरकार ने निजी एयरलाइंस के किराए को लेकर एक व्यवस्था बनाई है।
मंगलवार को नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री डॉ. महेश शर्मा ने संसद में बताया कि निजी एयरलाइंस के किरायों में असमान बढ़ोतरी को लेकर सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने सभी निजी एयरलाइंस को निर्देश दिए हैं कि वो अपनी वेबसाइट्स पर सभी रुट्स पर अपने किराए की सारी जानकारी यात्रियों को उपलब्ध कराएं।
इतना ही नहीं डीजीसीए ने ट्रैरिफ मानिटरिंग यूनिट भी स्थापित की है, जो इस बात पर निगरानी रखती है कि कहीं कोई निजी एयरलाइन अपनी बताई किराया सीमा से अधिक तो वसूल नहीं रही है।
देखा गया है कि कई बार कुछ खास मौकों पर निजी एयरलाइंस खास रुट्स पर अपना किराया मनमाने ढंग से बढ़ा देती थीं।