नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेता एवं बीजेपी के सदस्य परेश रावल ने गुरुवार को जब फ़िल्मी अंदाज में सदन में शून्यकाल के दौरान सवाल किए तो साथी सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक पाए।
रावल ने देश में कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे निजी कोचिंग सेंटरों का मुद्दा उठाया। उन्होंने शून्यकाल के दौरान कहा कि जिस रफ्तार से देश में निजी कोचिंग सेंटर और उनके प्रति अभिभावकों का रुझान बढ़ रहा है, वह चिंताजनक है।
इन निजी संस्थानों से देश की शिक्षा व्यवस्था चौपट हो रही है। संस्थानों की दशा के बारे में ‘भगवान’ क्या ‘रजनीकांत’ भी नहीं जानते होंगे। इस पर सदन में बैठे अन्य सदस्यों के जोरदार ठहाके गूंजे।
उन्होंने कहा कि कोचिंग क्लासों में वही शिक्षक होते हैं, जो सरकारी स्कूलों में होते हैं। उन्होंने इन कोचिंग संस्थानों और प्रश्नपत्र सेट करने वालों के बीच मिलीभगत होने का आरोप भी लगाया।
रावल ने सरकार को यह भी सलाह दी कि कोचिंग संस्थान खोलने के लिए सरकार को नियमावली बनानी चाहिए। जिस तरह सरकार को यह पता नहीं कि देश में कितने आतंकवादी हैं, वैसे ही उसे यह भी पता नहीं कि ऐसे कोचिंग संस्थानों की संख्या कितनी है?
इस बात पर एक बार फिर सदन ठहाकों से गूंज उठा। रावल यहीं नहीं रुके और उन्होंने कहा कि यदि सरकार अब भी नहीं चेती तो देश की ‘एजुकेशन की हार्ड डिस्क’ करप्ट हो जाएगी। इस पर भी सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक सके।