नई दिल्ली। भारत की सबसे तेजी से बढ़ती हुई लीग- प्रो कबड्डी लीग अब वीवो प्रो-कबड्डी लीग के नाम से जानी जाएगी। चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी-वीवो ने 300 करोड़ रुपये के करार के साथ प्रो-कबड्डी लीग का टाइटल स्पांसरशिप हासिल किया है।
यह करार पांच साल के लिए हुआ है। कबड्डी लीग अब तक स्टार स्पोर्ट्स प्रो-कबड्डी लीग कहलाती थी, लेकिन जुलाई 2017 में होने वाले इसके पांचवें सीजन को वीवो प्रो-कबड्डी लीग के नाम से जाना जाएगा।
पांचवें सीजन में 12 टीमों के बीच 13 सप्ताह के दौरान 130 से भी ज्यादा मैच खेले जाएंगे। इसका प्रसारण स्टार स्पोर्ट्स के चैनलों में चार भाषाओं में होगा।
वीवो के साथ हुए नए करार को लेकर स्टार इंडिया के प्रबंध निदेशक संजय गुप्ता ने कहा कि हमें खुशी है कि वीवो हमारा टाइटल स्पांसर है। स्टार स्पोर्ट्स का लक्ष्य प्रो-कबड्डी को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ लीग बनाना है। इस सफर में वीवो का प्रो-कबड्डी के साथ जुड़ना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। स्टार स्पोर्ट्स इस खेल की प्रतिष्ठा बढ़ाने के अपने प्रयास जारी रखेगा।
गुप्ता ने कहा कि प्रो-कबड्डी के पिछले चार सीजन काफी सफल रहे हैं। रिकॉर्ड संख्या में दर्शक स्टेडियम तक पहुंचने हैं और उससे भी अधिक संख्या में दर्शकों ने इसे टीवी पर देखा है। बीते साल अक्टूबर में अहमदाबाद में आयोजित कबड्डी विश्व कप के बाद इस खेल की लोकप्रियता और भी बढ़ी है। इससे उम्मीद है कि प्रो-कबड्डी लीग का पांचवा सीजन और भी लोकप्रिय होगा।
प्रो-कबड्डी लीग के साथ हुए करार को लेकर वीवो-इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी केंत चेंग ने कहा कि प्रो-कबड्डी लीग अप्रत्याशित ऊचांइयों पर पहुंच चुकी है और अब यह भारत की सबसे सफल लीगों में से एक है। हम इसका टाइटल स्पांसर बनकर काफी उत्साहित हैं।
पिछले साल महिला कबड्डी को बढ़ावा देने के लिए प्रो-कबड्डी लीग में महिला चैलेंज की शुरुआत की गई थी। इस चैलेंज के जरिए महिलाओं के लिए भी कबड्डी लीग के आयोजन की उम्मीदें लगाई गईं थी।
इस पर गुप्ता ने कहा कि पिछले साल महिला चैलेंज ट्रायल के तौर पर कराया गया था और कई अच्छी प्रतिभाएं सामने आई थीं। हालांकि, उसमें सभी महिला खिलाड़ी भारतीय थीं। हमारा लक्ष्य दुनिया भर से बेहतरीन महिला खिलाड़ी सामने आएं और उसके बाद उनके चयन से हम टीमों का निर्माण कर लीग की शुरुआत करेंगे।
गुप्ता ने कहा कि उनके पास प्रो-कबड्डी लीग के स्तर के समान महिला कबड्डी खिलाड़ी नहीं हैं और इसी कारण, महिला लीग के निर्माण में समय है।