रायपुर। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल ने सुकमा जिले में सोमवार को नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों की खून से सनी वर्दी यहां के स्थानीय अम्बेडकर अस्पताल के कूडेदान में मिलने के मामले की जांच का आदेश दे दिया है।
सीआरपीएफ्क के कार्यवाहक अध्यक्ष आरसी तयाल ने बताया कि जांच का काम राज्य के पुलिस महानीरिक्षक की अगुवाई में होगा और इसकी रिपोर्ट जल्दी ही सौंप दी जाएगी।
नक्सली हमले के परिप्रेक्ष्य में रायपुर दौरे पर पहुंचे तयाल ने कहा कि हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर यह कैसे हुआ। जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ऎसा भी संदेह है कि किसी राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अस्पताल के सफाई कर्मचारियों की मिलीभगत से जवानों की वर्दी हासिल कर ली होगी और विवाद खड़ा करने के लिए जानबूझ कर कूडेदान में डाल दिया होगा।
तयाल ने कहा कि इस मामले में कि मैं यह साफ संदेश देना चाहूंगा कि शहीदों के प्रति हम हमेशा ही सम्मान की भावना रखते हैं। ऎसे में ताजा मामले के बारे में यदि मुझे माफी भी मांगनी पडेगी तो मैं इसके लिए तैयार हूं।
सामान्य तौर पर ऎसे मामलों में शहीद जवानों के कपड़े और जूते आदि जांच कर रहे पुलिस अधिकारी अपने साथ ले जाते हैं। मुझे समूचे मामले की तहकीकात करने दीजिए इसके बाद जो भी जरूरी कार्रवाई होगा किया जाएगा।
सोमवार को हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 14 जवान शहीद हो गए थे। जंगलों में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान जवानों की ओर से पहने जाने वाली वर्दी और जूते रायपुर के उस अस्पताल के कूड़ेदान में मिलने से जहां जवानों के शव परीक्षण हुए थे काफी विवाद खड़ा हो गया है।
संसद में सरकार पर विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर तीखे हमले शुरू कर दिए हैं। इस बीच अस्पताल के डीन विवेक चौधरी ने कहा है कि शहीद जवानों के शव परीक्षण के बाद उनकी सारी चीजें सुरक्षित रख दी जाती है लेकिन ताजा मामले में जो वीडियो जारी किया गया है वह वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है।