नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर लगाए गए आरोपों और 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले मामले में यूपीए के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के दुष्प्रचार को लेकर कांग्रेस नेताओं के हंगामे के बाद गुरुवार को राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही है।
दिल्ली की स्थानीय अदालत ने गुरुवार को पूर्व दरसंचसार मंत्री ए.राजा और राज्य सभा सांसद एमपी कनिमोझी सहित 2जी घोटाले के सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने दो मुद्दों को उठाया।
आजाद ने कहा कि बुधवार तक हम मनमोहन सिंह जी के खिलाफ प्रधान मंत्री की टिप्पणी पर उनसे स्पष्टीकरण की मांग कर रहे थे लेकिन आज एक और घटना हुई और अब हमें दोनों मुद्दों पर स्पष्टीकरण चाहिए।
आजाद ने आगे कहा कि अब उन्हें साबित करना चाहिए कि किस आधार पर उन्होंने आरोप लगाया था कि 1.76 लाख करोड़ रुपए का घोटाला हुआ था। झूठे अभियान के माध्यम से यूपीए के खिलाफ माहौल बनाया गया और यही कारण है कि हम यहां विपक्ष में हैं और आप वहां सत्ता में हैं।
संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने कहा कि यदि सदन में इस तरह का हंगामा रोजाना होता रहेगा तो प्रधानमंत्री सदन में नहीं आ सकेंगे। प्रधानमंत्री आमतौर पर गुरुवार को राज्यसभा में आते हैं क्योंकि उस समय प्रधानमंत्री के कार्यालय से संबंधित प्रश्न सूचीबद्ध होते हैं।
सभापति ने आजाद से इस मुद्दे पर नहीं बोलने का आग्रह किया क्योंकि उन्होंने इस संबंध में कोई नोटिस नहीं दिया है लेकिन आजाद ने बोलना जारी रखा।
नायडू ने कहा कि आप उचित नोटिस दिए बिना कोई मुद्दा नहीं उठा सकते हैं। यह नियमों से परे नहीं जा सकता। सदन नियमों के मुताबिक काम करती है। यदि कुछ गंभीर है तो सदन उसे प्राथमिकता के रूप में लेगा।
कांग्रेस ने 2जी घोटाले पर आज आए फैसले को उठाते हुए कहा कि अदालत के फैसले ने यूपीए के रुख को सही साबित किया है कि स्पेक्ट्रम एवं लाइसेंस आवंटन में कोई घोटाला नहीं हुआ था।
नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से सदन की गरिमा को बनाए रखने और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का सम्मान करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि मर्यादा और नियमों का पालन करें। मैं आपके व्यवहार की निंदा करता हूं, अपनी सीट पर वापस जाएं।
नायडू ने कहा कि यह कुछ लोगों की आदत बन गई हैं। सदन का तीन-चौथाई हिस्सा चाहता है कि चर्चा हो लेकिन कुछ ऐसे हैं जो यह नहीं चाहते। यह सही नहीं है। आप आरोप लगाकर सदन को बाधित करना चाहते हैं। यहां नारेबाजी की बजाय चर्चा होनी चाहिए।
सभापति के अनुरोधों के बावजूद कांग्रेस के सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा, जिसके देखते हुए सभापति ने सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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