इंटरनेशनल मार्केट में टेस्ला की पहली अफॉर्डेबल कार होगी मॉडल 3, इसे पिछले साल अप्रैल महीने में दुनिया के सामने पेश किया गया था, अब इस कार को टेस्टिंग के दौरान देखा गया है। टेस्ला मोटर्स की योजना भारत में भी आने की है, यहां मॉडल 3 कंपनी की पहली कार होगी।
डिजायन के मामले में यह अपने कॉन्सेप्ट के काफी करीब है। मॉडल एक्स और मॉडल एस की तरह इस में भी आगे की तरफ ग्रिल नहीं दी गई है। इस में कूपे मॉडल जैसी रूफलाइन दी गई है, यह मॉडल एस की तुलना में ज्यादा स्लोपी है। केबिन भी कॉन्सेप्ट से मिलता-जुलता है। मॉडल 3 का केबिन काफी साफ-सुथरा है, इस में इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर की जगह बीचों-बीच में एक बड़ी स्क्रीन दी गई है। डैशबोर्ड के चारों ओर लकड़ी की पट्टी दी गई है, जो काफी ध्यान आकर्षित करती है।
मॉडल 3 का प्रोडक्शन जुलाई महीने से शुरू होगा, इस बारे में कंपनी ने शेयरहोल्डर्स की बैठक में जानकारी दी थी। 1 अप्रैल 2016 को मॉडल 3 से पर्दा उठाया था और उसी दिन से कंपनी ने इसकी बुकिंग भी शुरू कर दी थी। इसकी बुकिंग राशि भारतीय करेंसी के मुताबिक करीब 65,000 रूपए (1,000 डॉलर) है। मॉडल 3 के लिए टेस्ला भारत से भी बुकिंग ले रही है, संभावना है
कि भारत में इसकी डिलिवरी 2017 के अंत तक या फिर 2018 के शुरूआत में शुरू हो सकती है।
मॉडल 3 में इस्तेमाल होने वाली बैटरियों का प्रोडक्शन जनवरी 2017 से शुरू हो चुका है, इन्हें अमेरिका के नेवादा स्थित गीगा फैक्ट्री में तैयार किया जा रहा है। इसी प्लांट में मॉडल 3 के इंजन भी बनेंगे और यहां से इन्हें टेस्ला के कैलिफोर्निया फैक्टरी में भेजा जाएगा, जहां मॉडल 3 की एसेंबलिंग होगी।
अप्रैल 2016 में कंपनी ने कहा था कि मॉडल 3 एक बार फुल चार्ज होने पर 215 मील (350 किलोमीटर) का सफर तय करेगी, लेकिन उसके बाद इलोन मस्क ने ट्विट करके जानकारी दी कि मॉडल 3 की रेंज 238 मील (383 किलोमीटर) हो सकती है। कहा जा रहा है कि इस में सेल्फ ड्राइविंग और ऑटोनॉमस तकनीक भी दी जाएगी।
साआभार:
यह भी पढ़े:-