जयपुर। राजस्थान के बहुचर्चित एनआरएचएम घोटालों के मुख्य आरोपी आईएएस नीरज के पवन के खिलाफ केंद्र ने अभियोजन स्वीकृति दे दी है। नीरज के पवन को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने अरेस्ट किया था।
एनआरएचम घोटाले में एसीबी ने बीते साल उन्हें 30 मई को अरेस्ट किया था तथा 8 महीने बाद जमानत मिली थी। उसके बाद उन्होंने अपनी ज्वाइनिंग कॉर्मिक विभाग में दी थी। अब नीरज के पवन को बहाली नहीं मिल पाएगी।
अगर पवन के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति नहीं मिलती तो ऐसे में उन्हें सरकार को पोस्टिंग भी देनी होती साथ ही उनके खिलाफ केस चलाने में भी एसीबी को परेशानी का सामना करना पड़ता। पवन फिलहाल जमानत पर बाहर है लेकिन अब अभियोजन की स्वीकृती मिलने के बाद उनकी परेशानी बढ़ेगी।
बतादें कि आईईसी में फ्लैक्स व अन्य सामग्री प्रिंटिंग कर सप्लाई करने वाले एक कारोबारी ने 28 अक्टूबर, 2014 को एसीबी को शिकायत दी थी। इसके अनुसार दलाल अजीत सोनी अपनी फर्म मैपल प्रोडक्शन के जरिए विभाग में काम करवाने के ठेके लेता है।
इसके बाद एसीबी ने 18 मई को आईएएस नीजर के पवन सहित एनआरएचएम के तहत आईईसी में तैनात दो अफसर और एक कर्मचारी सहित दलाल के कुल 18 ठिकानों पर छापे मारे थे। सोनी पवन के लिए दलाल की भूमिका निभाता था। ऐसी बाते भी सामने आई कि सोनी कंसल्टेंसी की भूमिका में रहते हुए रिश्वतखोरी करता था। यह सुझाव अनिल अग्रवाल ने ही दिया था। अनिल अग्रवाल आईईसी में एडीशनल डायरेक्टर थे।
गौरतलब है डॉ. नीरज के पवन 4 फरवरी 2016 से पहले 13 जनवरी, 2014 से 12 फरवरी 2016 तक नेशनल हेल्थ मिशन के एडिशनल डायरेक्टर और मेडिकल हेल्थ के संयुक्त सचिव पद पर भी कार्यरत रहे हैं।