इस्लामाबाद। म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के प्रति भारत की आक्रामकता एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश में दिए बयान के खिलाफ पाकिस्तान के सिंध प्रांत में विरोध प्रदर्शन हुए।
प्रदर्शन में करीब सभी धार्मिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं और कुछ राजनीतिक पार्टियों ने प्रदर्शन किया और रैलियां निकाली। प्रदर्शन में भारत के रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के खिलाफ भी आवाज उठी। इसी तरह के प्रदर्शन घोटकी और कंधकोट जिलों में भी हुए।
जमात-उद-दावा के नेता मौलाना कारी महमूद ने आज सरकार से देश में भारत के रिसर्च एंड एनलसिस विंग भारत के रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के एजेंटों को खत्म करने का आग्रह किया और मुस्लिम देशों से मुसलमानों के प्रति निर्दयता के खिलाफ एकजुट होने की अपील की।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) और पाकिस्तान सुन्नी तहरीक (पीएसटी) के प्रदर्शनकारियों ने कल रैलियों के अंत में भारतीय झंडे फूंके और प्रधानमंत्री मोदी के पुतले जलाए।
सिंध पीएमएल-क्यू के अध्यक्ष हलीम आदिल शेख ने हैदराबाद में प्रेस क्लब के बाहर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सभी पाकिस्तान देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि यदि भारत इस तरह की गलती करेगा, तो पूरा देश सेना का समर्थन करेगा।
उल्लेखनीय है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सात जून को ढाका विश्वविद्यालय में अपने संबोधन में भारत में आतंकवाद और डर फैलाने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा कि समय-समय पर पाकिस्तान भारत को परेशान करता है, दिक्कतें पैदा करता है, आतंकवाद को बढ़ावा देता है और इस तरह की घटनाएं लगातार घट रही हैं।
इस रैली में शामिल लोगों ने प्रेस क्लब पर इकट्ठा होने से पहले विभिन्न सड़कों पर मार्च किया, जहां उनके नेता ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री के बयान से पाकिस्तानी नागरिकों को गहरा दुख हुआ है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक शक्तिशाली देश है और उसे पता है कि देश की सीमाओं की रक्षा कैसे करनी है।