मुंबई। शहर का एक सामाजिक संगठन एक पाकिस्तानी फिल्म चुनने के लिए एमएएमआई मामी मुंबई फिल्म महोत्सव के आयोजकों से नाराज है और उसने इसका विरोध करने की योजना बनाई है जिसके लिए उसने पुलिस की अनुमति मांगी है।
संगठन ‘संघर्ष’ ने आयोजकों पर भारत की जनता की राष्ट्रवादी भावनाओं से ऐसे समय खेलने का आरोप लगाया जब उरी आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ तनाव की स्थिति है ।
संगठन के प्रमुख पृथ्वी महास्के ने अंबोली पुलिस को यहां लिखे पत्र में कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजक अपने फिल्म महोत्सव में इस पाकिस्तानी फिल्म को दिखाकर लोगों में आक्रोश बढा सकते हैं। यह स्वीकार्य नहीं होगा क्योंकि यह लोगों में तनाव और आक्रोश और बढाएगा।
पत्र में कहा गया कि इसके अलावा ‘आईएमपीएए’ ने बालीवुड में काम करने वाले पाकिस्तानी कलाकारों को प्रतिबंधित करने का फैसला किया है और लगभग सभी एक पर्दे वाले सिनेमाघरों ने पाकिस्तानी कलाकारों की फिल्मों पर पाबंदी लगाने का फैसला किया। तो फिर मामी फिल्म महोत्सव के आयोजक पाकिस्तानी कलाकारों के प्रति इतना प्रेम क्यों दिखा रहे हैं।
इस महोत्सव का 18वां सत्र 20 से 27 अक्तूबर तक आयोजित होगा जिसमें 54 देशों की 180 से अधिक फिल्में शहर के अलग अलग स्थानों पर दिखाई जाएंगी।
महास्के ने कहा कि अगर आयोजक फिल्म प्रदर्शन नहीं रोकते हैं तो मेरे कार्यकर्ता फिल्म का प्रदर्शन रोकेंगे। संपर्क किए जाने पर अंबोली के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक भारत गायकवाड ने कहा कि हां, मुझे इस संबंध में एक आवेदन मिला है और मैंने आवेदन के गुणदोष पर गौर करने के लिए कल दोनों पक्षों को बुलाया है। ‘जागो हुआ सवेरा’ 1958 की एक पाकिस्तानी फिल्म है जिसका निर्देशन एजे करदार ने किया है।
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