भोपाल। मां-बाप और प्रेमिका की हत्या कर उन्हें दफनाने वाला आरोपी उदयन दास काफी शातिर हैं। अपनी अय्याशी के शौक पूरे करने के लिए उदयन ने कई फर्जीवाड़ों को अंजाम दिया है।
तीन हत्याकांड की जांच कर रही रायपुर और बांकुरा पुलिस की पड़ताल में रोजाना कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। ताजा खुलासे में पता चला हैं कि उदयन दास ने हत्या के बाद मां-बाप के बैंक अकाउंट में जमा लाखों की रकम निकालने के लिए उनके साइन सीखने के लिए एक पूरी डायरी भर डाली थी।
करीब डेढ़ हजार से अधिक पन्नों वाली यह डायरी भोपाल स्थित उदयन के घर से कोलकाता पुलिस के हाथ लगी थी। डायरी में डेढ़ हजार से अधिक फर्जी साइन हैं। जो उसके मां-बाप के साइन से मिलते-जुलते हैं।
पुलिस का दावा है कि इसी साइन का इस्तेमाल उदयन दास ने चेक भरकर पैसा निकालने, चेक इश्यू कराने के अलावा अन्य कामों के लिए किया है। इस डायरी के अलावा अन्य दस्तावेज फिलहाल बांकुरा, कोलकाता पुलिस के कब्जे में हैं।
इन सारे दस्तावेजों को रायपुर पुलिस लेने की तैयारी कर रही है। रायपुर पुलिस के अफसरों का कहना है कि सारे दस्तावेजों का मिलान एक्सपर्ट से कराया जाएगा।
इधर डीडीनगर पुलिस ने रविवार को फर्जी तरीके से मकान बेचने, बैंक को गुमराह कर मां की पेंशन राशि निकालने और मां-बाप के खातों से फर्जी तरीके से पैसा आहरण करने के मामले में उदयन दास के खिलाफ तीन अलग-अलग केस दर्ज कर लिया है।
भोपाल से जांच कर रायपुर पहुंची पुलिस ने बताया कि उदयन दास की मौसी शिप्रा दास, मामा सोमनाथ और सुब्रत चटर्जी समेत पांच छह रिश्तेदारों से पूछताछ कर यह जानने की कोशिश की कि आखिर उदयन सिरफिरा सीरियल किलर कैसे बन गया।
अधिकांश का यही कहना था कि मां इंद्राणी दास की इकलौते बेटे पर बेहद सख्ती थी। मां उसकी हर गतिविधि को शक की नजर से देखती थी। छोटी.छोटी गलती करने पर उदयन दास को सजा के बतौर घंटों बाथरूम में बंद करके रखती थी। पिता वीरेंद्र खुद पत्नी की इस हरकत को रोकने में नाकाम थे।
कई बार रिश्तेदारों ने इंद्राणी को समझाने की कोशिश की लेकिन वह किसी की नहीं सुनती थी। इंद्राणी के व्यवहार के कारण रिश्तेदारों का भी घर पर कम ही आना जाना था। रायपुर पुलिस के एएसपी सिटी विजय अग्रवाल ने बताया कि बैंक पेंशन ऑफिस और मकान की रजिस्ट्री के दस्तावेज पंजीयन दफ्तर से निकाले जा रहे हैं।
कुछ दस्तावेज मिले हैं, जिनमें उदयन के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। खासकर बैंक से लाखों रुपये आहरित करने के मामले में रायपुर से भोपाल तक बैंक के अफसर-कर्मियों की भूमिका संदिग्ध नजर आई है। पुलिस ने पांच से छह बैंक कर्मचारियों को राडार पर लिया है।
एक दो दिनों के भीतर बयान दर्ज कराने के लिए उन्हें बुलाया जा सकता है। सेंट्रल बैंक बैरनबाजार और फेडरल बैंक जीई रोड शाखा में मां-बाप के अकाउंट से फर्जी हस्ताक्षर के जरिए उदयन ने पैसे निकाले है, इसकी पुष्टि हो गई है।