चंड़ीगढ़। पंजाब विधानसभा में गुरुवार को उस समय हंगामा बरपा, जब आम आदमी पार्टी के सिख विधायक ने आरोप लगाया कि मार्शलों द्वारा उन्हें सदन से बाहर निकाले जाने के दौरान धक्का देकर उनकी पगड़ी उछाल दी गई।
आप विधायक पीरमल सिंह धौला हाथ में पगड़ी लिए सदन से बाहर निकले, उनके बाल खुले हुए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा आप के विधायकों को सदन से बाहर भेजने के आदेश के बाद मार्शलों ने धक्का देकर उनकी पगड़ी उछाल दी।
इस घटना के बाद सदन के भीतर और बाहर तनाव व्याप्त हो गया। विधासभा अध्यक्ष राणा के.पी.सिंह ने आप विधायकों को अपना आदेश नहीं मानने के कारण सदन से बाहर भेजने का आदेश दिया था।
उन्होंने दो विधायकों, आप के सुखपाल सिंह खरा और आप की साझेदार पार्टी लोक इंसाफ पार्टी के नेता सिमरजीत सिंह बैंस के सदन में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसका आप विधायक विरोध कर रहे थे। दोनों विधायकों को पिछले सप्ताह सदन से निलंबित किया गया था।
धौला ने सदन से बाहर निकलने के बाद कहा कि यह लोकतंत्र की सबसे खराब स्थिति है। हमने इस तरह का दुर्व्यवहार नहीं देखा। इसके लिए कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है।
आप विधायकों ने विधासभा अध्यक्ष और कांग्रेस सरकार के खिलाफ सदन के भीतर और बाहर नारेबाजी की। कुछ विधायकों ने सदन में दोबारा आने का प्रयास किया, लेकिन मार्शल एवं सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया।
विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने आप के विधायकों का समर्थन किया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कुछ देर के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
इससे पहले विधानसभा सुरक्षाकर्मियों ने गुरुवार सुबह खरा और बैंस को सदन में घुसने से रोक दिया। दोनों विधायकों को सदन के बाकी सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया, लेकिन उन्होंने विधानसभा भवन के भीतर (सदन के भीतर नहीं) विरोध में धरना जारी रखा।
उन्हें गुरुवार को विधानसभा परिसर में घुसने से रोक दिया गया। धौला ने कहा कि वह अमृतधारी सिख हैं और सुरक्षाकर्मियों ने उनकी पगड़ी उछाल दी। धौला ने संवाददाताओं को बताया कि मैं अकाल तख्त से इस घटना पर संज्ञान लेने और जिम्मेदार लोगों पर तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं।