चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को पंजाब के छोटे और सीमांत किसानों के समूचे कृषि ऋण पर कुल छूट की घोषणा की।
छोटे और सीमांत किसानों (5 एकड़ तक) के लिए 2 लाख रुपए तक की कर्जमाफी की गई है तथा अन्य सीमांत किसानों के लिए उनके कुल कर्ज पर 2 लाख रुपए तक की छूट दी गई है, जिसका सत्तारूढ़ दल ने चुनावों के दौरान वादा किया था।
पंजाब विधानसभा में अपने भाषण के दौरान इसकी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम से राज्य के कुल 18.5 लाख किसानों में से 10.25 लाख किसानों को लाभ होगा, जिनमें 8.75 लाख किसानों की जमीन 5 एकड़ से कम है।
अमरिंदर ने कहा कि यह पहल उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों द्वारा घोषित राहत से दोगुना प्रदान करेगा।
यह निर्णय प्रमुख अर्थशास्त्री डॉ. टी. हक के नेतृत्व में एक विशेषज्ञ समूह की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर किया गया है। इस समूह को राज्य के परेशान कृषक समुदाय की सहायता करने के तरीके और साधनों का सुझाव देने का काम सौंपा गया था।
अमरिंदर ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में आत्महत्या करनेवाले सभी किसान के परिवारों का सारा ऋण उनकी सरकार चुकाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि आत्महत्या करनेवाले किसान के परिवार को दी जानेवाली अनुदान की रकम को 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है।
गैर-संस्थागत संसाधनों से उठाए गए ऋणों के लिए किसानों को ऋण राहत के लिए, सरकार ने ‘पंजाब कृषि निपटान अधिनियम’ की समीक्षा करने का निर्णय लिया है ताकि पारस्परिक स्वीकार्य तरीके से ऋण का निपटारा कर किसानों को वांछित राहत प्रदान की जा सके, जो ऋणदाता और उधारकर्ता दोनों पर वैधानिक रूप से बाध्यकारी होगा।
अमरिंदर ने कहा कि इस अधिनियम की समीक्षा करने के लिए सरकार ने एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया है।
उन्होंने विधानसभा से कहा कि उनकी सरकार ने पहले ही पंजाब सहकारी समिति अधिनियम, 1961 की धारा 67 ए को निरस्त करने का निर्णय लिया है, जो किसानों की भूमि की नीलामी (कुर्की) का अधिकार प्रदान करता है।