चंडीगढ़। पंजाबी फिल्मों व रंगमंच की शान बन चुके मशहूर कॉमेडियन गुरप्रीत घुग्गी अब पंजाब के चुनावी समर में कूद गए हैं। कॉमेडी के बादशाह अब आम आदमी पार्टी का राजनीतिक अखाड़ा संभालेंगे।
उन्होंने अपने कैरियर की शुरूआत तहसील में टाइपिस्ट से की, बाद में हार्डवेयर का बिजनेस किया, कामयाबी नहीं मिली तो मजाकिया स्वभाव ने उनकी ताजपोशी कॉमेडियन बादशाह के रूप में कर डाली।
कॉमेडियन से पॉलिटिशियन तक का सफर
पंजाब के किसी हिस्से में यदि चुटकुलों को लेकर महफिल सजी हो तो गुरप्रीत घुग्गी का चेहरा जरूर याद आता और उनका जिक्र होता है। कॉमेडी के लिए चर्चित घुग्गी शायद ही किसी पंजाबी फिल्म में किरदार करने से चूके हों।
घुग्गी का कहना है कि कॉमेडी किसी ट्रेनिंग से नहीं आती बल्कि खून में होती है। वह बताते हैं कि वह मजाकिया हैं। जब वह स्कूल में पढ़ते थे तब से ही उन्होंने कॉमेडी करनी शुरू कर दी थी। वह बताते हैं कि मजाकिया स्वभाव और व्यंग्यात्मक क्षमता ने ही मुझे कॉमेडियन बना दिया। मैंने तो सोचा भी नहीं था कभी इस मुकाम तक पहुंच पाऊंगा।
मीडिया को दिए एक साक्षात्कार के मुताबिक घुग्गी का जन्म जालंधर में हुआ था पढ़ाई के साथ-साथ वह करतारपुर तहसील में टाइपिस्ट का काम करते थे। कुछ साल बाद उन्होंने पटवारी के पेपर दिए पर किस्मत ने साथ नहीं दिया। फिर उन्होंने बैंक से लोन लेकर हार्डवेयर का काम शुरू किया लेकिन सफलता नहीं मिली।
किस्मत में एक्टर बनना लिखा था जहां किस्मत ने उनका भरपूर साथ दिया। जी आया नूं पंजाबी फिल्म में उन्हें मनमोहन सिंह ने काम करने का मौका दिया। वह कहते हैं वे मेरे गुरु भी हैं और दोस्त भी। उसके बाद वह एक के बाद एक फिल्म करते गए और पंजाबी सिनेमा जगत में हास्य कलाकार के रूप में अपनी खास पहचान बनती गई।
अब राजनीतिक सफर शुरु
आम आदमी पार्टी का दामन थामने के बाद पंजाबी कॉमेडियन किंग घुग्गी जनता की तन-मन से सेवा करने चाहते हैं। हालांकि उन्होंने किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने से इंकार कर दिया था, लेकिन उन्होंने कहा था कि यदि जनता चाहेगी तो वह राजनीति में आएंगे। ऐसा माना जा रहा है कि उन्हें आप में उन्हें सांसद भगवंत मान लेकर आए हैं, क्योंकि दोनों गहरे मित्र और क्लास फैलो रहे हैं।