अजमेर। अन्तरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला की व्यवस्थाओं के संबंध में सलाहकार समिति की बैठक मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। इसमें संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत, पुष्कर नगर पालिका अध्यक्ष कमल पाठक, अतिरिक्त जिला कलक्टर कैलाश चन्द्र शर्मा, अबु सुफियान चौहान एवं अरविन्द कुमार सैंगवा ने व्यवस्थाओं के बारे में विचार विमर्श किया।
पुष्कर पशु मेला 2017 की मेला अवधि कार्तिक शुक्ल एकम 20 अक्टूबर से मार्गशीर्ष कृष्ण दूज 5 नवम्बर तक निर्धारित की गई है। झण्डा चौकी 20 अक्टूबर को स्थापित होगी। चौकियां की स्थापना 22 अक्टूबर से की जाएगी। ध्वजारोहण के द्वारा मेले की औपचारिक शुरूआत 28 अक्टूबर को की जाएगी।
इस दिन से सफेद चिट्ठी कटेगी। रवन्ना 29 अक्टूबर कार्तिक शुक्ल नवमी से काटने की व्यवस्था रखी गई है। प्रदर्शनी 31 अक्टूबर से आरम्भ होगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम का आंनद कार्तिक शुक्ल अष्टमी 28 अक्टूबर से चतुर्दशी 3 नवम्बर तक उठाया जा सकेगा।
पशु प्रतियोगिताएं 31 अक्टूबर से 3 नवम्बर के मध्य आयोजित होगी। पुरस्कार वितरण समारोह कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा 4 नवम्बर को आयोजित किया जाएगा। मेले का समापन 5 नवम्बर को होगा।
बैठक में मेला व्यवस्थाओं से संबंधित उप समितियों के अध्यक्ष तथा सदस्य सचिव को विभिन्न कार्यो के बारे में आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किये गये। मेला क्षेत्र में निर्मित खेलियों, पशुपालन विभाग के भवनों एवं अन्य संरचनाओं का सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा लघु मरम्मत कार्य का भुगतान अजमेर विकास प्राधिकरण के माध्यम से करवाने की सहमति जताई गई। इसी प्रकार पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न पशु प्रतियोगिताओं की पुरस्कार राशि में बढ़ोतरी करने तथा प्रायोजित करवाने पर भी चर्चा की गई।
संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत ने कहा कि अनन्ता रिसोर्ट से पुष्कर के प्रवेश द्वार तक बनने वाले गौरव पथ का कार्य तुरन्त पुनः आरम्भ किया जाए। साथ ही पुष्कर घाटी से अनन्ता रिसोर्ट तक के सड़क मार्ग का दुरस्तीकरण किया जाए। पुष्कर तीर्थ क्षेत्र के परिक्रमा मार्ग एवं आध्यात्मिक यात्रा मार्ग की सड़कों को ठीक किया जाए। मेला क्षेत्र में खेलियों के साथ में पानी भरने के लिए अतिरिक्त नल की व्यवस्था की जानी आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में पार्किग, स्टॉल तथा पैदल याात्रियों के लिए आवागमन की सड़कें, खुली जगह के संबंध में ले आउट प्लान बनाया जाएगा। इसी के आधार पर समस्त व्यवस्थाएं अंजाम दी जाएगी। पुष्कर में जनप्रतिनिधियों, प्रशासन, पुलिस एवं विभागीय अधिकारियों की एक स्थानीय कमेटी बनायी जाएगी। इसके द्वारा मेला क्षेत्र की व्यवस्थाओं की समय समय पर जांच की जाकर संबंधित उप समिति अथवा विभाग को उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पशु प्रतियोगिताओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए निर्णायक मण्डल में दो प्रशासनिक अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। दुकानों के अस्थाई अतिक्रमण, बाहर रखा सामान तथा पर्दे अतिक्रमण निरोधक दल द्वारा लगातार हटवाए जाते रहेंगे।
मेला मैदान के पास वाली सड़कों को पैदल तीर्थ यात्रियों एवं आपातकाल के लिए मुक्त आवाजाही के लिए आरक्षित रखा जाएगा। इस क्षेत्र में दुकानों का आवंटन नही किया जाएंगा। रोमांचक तथा खतरनाक खेलों को सम्पूर्ण वैधानिक प्रक्रिया अपनाने के पश्चात ही अनुमति प्रदान की जाएंगी। बिना अनुमति के किसी प्रकार के जोखिम पूर्ण खेलों को मेला क्षेत्र में प्रदर्शित नहीं करने दिया जाएगा।
अतिरिक्त जिला कलक्टर कैलाश चन्द्र शर्मा ने कहा कि सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में खाद्य पदार्थों की नियमित जांच की जाएगी। मेला क्षेत्र में मेले के पांच दिन पहले से ही रोजाना खाद्य पदार्थो के सैम्पल लिए जाएंगे। खाने योग्य मानकों पर खरे नहीं उतरने वाले पदार्थों को तुरन्त प्रभाव से नष्ट करवाकर संबंधित के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। समस्त मेला क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। पवित्र सरोवर के आसपास 24 घंटों गोताखोर एवं सिविल डिफेंस के स्वयं सेवक अपनी सेवाएं देगे।
इस अवसर पर पुष्कर मेला सलाहकार समिति के सदस्य सचिव एवं पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. श्यामसुन्दर चंदावत, जिला रसद अधिकारी संजय माथुर, पुष्कर उपखण्ड अधिकारी वीके गोयल, तहसीलदार विमलेन्द्र राणावत सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।