अजमेर। जिला कलक्टर डॉ. आरूषी मलिक की पहल पर आगामी पुष्कर मेले की तैयारियों के लिए प्रारम्भिक बैठक लगभग तीन माह पूर्व आयोजित हुई जिसमें उन्होंने मेले से जुड़ी व्यवस्थाओं से संबंधित सभी विभागों से कहा कि वे अपनी कार्य योजना बनाकर आगामी 7 सितम्बर को होने वाली साप्ताहिक बैठक में प्रस्तुत करें जिससे उन पर विचार कर निर्णय लिया जा सकें।
जिला कलक्टर ने कहा कि तीन माह पूर्व बैठक आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेले के इस वर्ष के स्वरूप को और अधिक निखारना है जिससे यहां आने वाले श्रद्धालु,पर्यटक, पशुपालक, पशुओं को अधिक से अधिक सुविधा मिल सके और मेले में आयोजित होने वाले कार्यक्रम भी आकर्षक आयोजित हो जिससे देशी व विदेशी पर्यटकों के दिलों में यह मेला आने वाले समय तक छाया रहे।
जिला कलक्टर, पुष्कर के विधायक सुरेश सिंह रावत, पुष्कर नगर पालिका अध्यक्ष कमल पाठक ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के उप निदेशक प्यारे मोहन त्रिपाठी के इस सुझाव को गंभीरता से लिया कि पुष्कर पशु मेला तथा कार्तिक पंचतीर्थ मेला का स्वरूप अलग-अलग हो इनकी तिथियों का भी अलग से निधार्रण किया जाना चाहिए।
सभी ने राज्य सरकार से स्वीकृति लेकर पशु मेले की तिथि कार्तिक शुक्ल प्रथमा 12 नवम्बर से कार्तिक शुक्ल दशमी 21 नवम्बर तक करने तथा कार्तिक पंचतीर्थ स्नान कार्तिक एकादशी, 22 नवम्बर से कार्तिक पूर्णिमा 25 नवम्बर तक और सम्पूर्ण पुष्कर पशु एवं कार्तिक मेला 12 से 27 नवम्बर 2015 तक आयोजित करने के लिए सहमति प्रकट की जो राज्य सरकार की स्वीकृति पर संभव हो पाएगा।
विधायक सुरेश सिंह रावत ने कहा कि दीपावली के सम्पन्न होते ही पशुओं का पुष्कर आना प्रारम्भ हो जाता है, परन्तु पशु मेले की तिथि पशु पालन विभाग द्वारा कार्तिक अष्टमी 19 नवम्बर से तय कर रखी है।
फलस्वरूप अधिकारिक तौर पर व्यवस्थाएं भी 19 नवम्बर से प्रारम्भ होती है इसलिए पशु मेले को दीपावली के सम्पन्न होते ही प्रारम्भ किया जाना चाहिए जिससे बाहर से आने वाले पशु पालक औेर पशुआें को सभी प्रकार की सुविधाएं समय पर उपलब्ध हो सके तथा विदेशों से आने वाले पर्यटक भी पशु मेले का भरपूर आनन्द ले सकें।
विधायक रावत ने मेले को और अधिक लोकप्रिय व सुविधाजनक बनाने के संबंध में विभिन्न सुझाव दिए एवं विभागों को निर्देश भी प्रदान किए। पुष्कर नगर पालिका अध्यक्ष कमल पाठक ने बताया कि पुष्कर मेले की व्यवस्थाआें के लिए नगरपालिका द्वारा व्यापक स्तर पर कार्य किए जाएंगे जिसकी कार्य योजना तैयार की जा रही है।
घाटों की सफाई के साथ-साथ पुष्कर नगर व मेला क्षेत्र की सफाई के लिए भी व्यवस्था होगी। अभी से ही पुष्कर नगर में रात्रि को भी सफाई का कार्य कराया जा रहा है जो प्रशंसनीय है। जिला कलक्टर डॉ$ मलिक ने अजमेर विकास प्राधिकरण से सांस्कृतिक कार्यक्रम, कला कुंभ योजना के प्रस्ताव तैयार करने के साथ-साथ निर्माणाधीन रिंग रोड की पुलिया का निर्माण कार्य अक्टूबर माह तक पूरा करने को कहा।
उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग को बूढ़ा पुष्कर के पास से तिलोरा के नजदीक निकलने वाले बाईपास की सडक़ को दोनों और से एक-एक मीटर चौड़ा करने के निर्देश दिए जिससे मेले में वाहनों का आवागमन सुलभ हो। उन्होंने ग्राम पंचायत क्षेत्रा में आने वाले इस कार्य को नरेगा के तहत कराने के लिए भी निर्देशित किया।
जिला कलक्टर ने मेले के दौरान पेयजल व्यवस्था, खरकेड़ी मार्ग की मरम्मत एवं संतोषी माता मंदिर के पास अधूरी पड़ी पुलिया के कार्य को भी शीघ्र पूरा करने के निर्देश सार्वजनिक निर्माण विभाग को दिए। उन्होंने बैठक में मौजूद एन$डी$आर.एफ. के प्रदेश प्रभारी से कहा कि वे अपने प्रशिक्षक गोताखोर आधुनिक उपकरण के साथ मेले के दौरान पुष्कर में उपलब्ध कराए जिससे सरोवर में किसी भी यात्री के डूबने की घटना नही हो।
उन्होंने पुष्कर घाटों पर मछली, बंदरों आदि को खिलाने वाली सामग्री के विक्रय पर रोक लगाने के भी निर्देश दिए। अनाज व अन्य खाद्य सामग्री सरोवर में डालने से पानी दूषित होता है और खाद्य सामग्री घाटों में फैलाने से बंदरों व जानवरों का आवागमन हो जाता है। इससे दुर्घटनाओं की आशंका रहती है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन ने बताया कि मेले के दौरान घाटों पर आरएसी. के 10 प्रशिक्षक गोताखोर उपलब्ध रहेंगे तथा घाट, पुष्कर नगर व मेला क्षेत्रा में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाएंगे। यातायात एवं पार्किंग के लिए भी अलग से कार्य योजना तैयार की जा रही है।
बैठक में पुराना रंगजी मंदिर के श्री अंनत प्रसाद गनेरीवाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष जर्नादन शर्मा, अरूण पाराशर, राजेन्द्र महावर, सरवाडिय़ा सहित अनेक प्रतिनिधियों ने भी अपने सुझाव दिए।
अतिरिक्त कलक्टर किशोर कुमार, उपखण्ड अधिकारी हीरालाल मीणा, पुष्कर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी शशिकांत शर्मा ने मेले की व्यवस्थाओं के बारे में महत्वपूर्ण कार्ययोजना की जानकारी दी। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. गांधी, पर्यटन अधिकारी रतनलाल तुनवाल ने अपने विभाग की कार्ययोजना की जानकारी दी।