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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को दिल्ली मेट्रो के खातों की एक स्वतंत्र लेखा जांच कराए जाने और जांच रपट आने तक प्रस्तावित किराया वृद्धि रोकने की मांग की।
दिल्ली सरकार के एक बयान के मुताबिक उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के खातों की एक स्वतंत्र लेखा जांच कराने की तत्काल जरूरत है, क्योंकि दिल्ली के निवासियों ने पहले भी अनुभव किया है कि फर्जी घाटा दिखाकर किस तरह निजी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) ने बिजली दरों को बढ़ाने का काम किया।
उन्होंने कहा कि यदि यात्री ज्यादा किराए की वजह से मेट्रो का इस्तेमाल करने में सक्षम नहीं होंगे, तो मेट्रो चलाने की क्या उपयोगिता होगी।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बीते साल सितंबर में प्रस्तावित किराया वृद्धि का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने किराया निर्धारण समिति (एफएफसी) द्वारा एक निर्वाचित सरकार की राय की उपेक्षा करने को लेकर समिति की निंदा की। एफएफसी मेट्रो किराए में वृद्धि का निर्णय लेती है।
बीते साल केंद्र सरकार ने किराए में वृद्धि की सिफारिश के मामले को देखने के लिए तीन सदस्यीय एफएफसी गठित की थी। इसमें केंद्र व दिल्ली सरकार के मनोनीत व्यक्ति व दिल्ली उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त एक न्यायाधीश शामिल हैं। एफएफसी ने मई में दो चरणों में वृद्धि को मंजूरी दी थी। इसमें से एक वृद्धि पहले ही हो चुकी है, जबकि दूसरी वृद्धि 10 अक्टूबर को लागू होनी है।
बयान के मुताबिक केजरीवाल ने कहा कि डीएमआरसी का किराया वृद्धि के लिए-परिचालन लागत कवर करने व कर्ज का भुगतान करने का तर्क बेहद दोषपूर्ण है। उन्होंने डीएमआरसी से आग्रह किया कि वह हांगकांग मॉडल का अनुसरण करे और फिर से किराया बढ़ाकर आम जनता पर बोझा नहीं डाले।