चित्रकूट। भगवान कामतानाथ को दीपदान अमावस्या पर सुगंधित धूप व अगरबत्ती के साथ श्रीफल का भोग नहीं लग सकेगा। मध्य प्रदेश सतना जिला प्रशासन ने श्रीफल, अगरबत्ती व धूप और कपूर की बिक्री पर धर्मनगरी में प्रतिबंध लगा दिया है। इस फरमान से धर्म नगरी चित्रकूट के साधू संतों में भारी आक्रोष है।
बीते रोज कामदगिरि मुखारबिंद स्थित सत्संग भवन में आयोजित बैठक में धर्म नगरी के साधू संतों एवं व्यापारियों ने मध्य प्रदेश प्रशासन के खिलाफ आर-पार की लडाई लडने का ऐलान किया है। कामदगिरि मुखार बिंद के मदन गोपाल दास का कहना है कि धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड बर्दास्त नही किया जायेगा। यदि प्रशासन ने अपने फैसले पर पुर्नविचार न किया तो मंदिरों के पट बंदकर प्रदर्शन किया जायेगा।
ज्ञातव्य हो कि आगामी 10 नवंबर से शुरु होने वाले पांच दिवसीय दीपदान अमावस्या मेले में 20 से 30 लाख श्रद्घालु आते हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश की सीमा में बसी धर्मनगरी में सुरक्षा व्यवस्था के साथ अन्य मूलभूत सुविधाएं श्रद्घालुओं के लिए जुटाना ब$डी चुनौती होती है। जिसकी तैयारियां एक पखवारा पहले से शुरु हो जाती हैं।
वहीं हाल ही में सतना कलेक्टर संतोष मिश्र ने धर्मनगरी में पडऩे वाले दीपदान मेले के दौरान धर्मनगरी में अगरबत्ती, धूप और नारियल और कपूर में पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का फरमान जारी कर दिया है। जिससे धर्म नगरी के साधू-संतों एवं व्यापारियों में भारी आक्रोष है। इसी प्रकरण को लेकर चित्रकूट के कामदगिरि मुखार बिंद स्थित सतसंग भवन में आयोजित साधू-संतों एवं प्रसाद व्यापारियों की बैठक में एमपी शासन-प्रशासन के निर्णय की सर्वसम्मत से निंदा की गई। साथ ही मध्य प्रदेश प्रशासन के फैसले के खिलाफ आर-पार की लडाई लडऩे का ऐलान किया गया है।
ख्यातिलब्ध संत सनकादिक महराज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बैठक में कहा कि सनातन परम्परा में नारियल बलि की प्रथा का प्रचलन है, जिसमें नारियल को पुरूष बलि के रूप में माना जाता हैं। उन्होने कहा कि नारियल तोडऩे पर प्रतिबंध लगाये जाने से अव्यवस्था का कारण हो सकता हैं। उन्होने कहा कि नारियल तोडने पर प्रतिबंध से व्यवस्था बिगडेगी। बताया कि नारियल पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ सामूहिक ज्ञापन दिया जाये।
सामांजस्य बनाकर नारियल तोडने, अगरबत्ती, कपूर जलाने की व्यवस्था कर निर्धारित किया जाय। वहीं जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि नारियल तोडने की व्यवस्था की जाय और परिक्रमा परिसर में गुटखा, बीडी आदि नशे की विक्रय सामाग्री पर प्रतिबंध लगाया जाय। उन्होने कह कि जिलाधिकारी का आदेश ब्रिटिश शासन के तुल्य है। कामतानाथ के चारो मुखार बिन्दो के पास नारियल तोडने की उचित व्यवस्था करायी जाय। वहीं मदन गोपाल महाराज ने कहा कि नारियल चढाना प्रतिबंधित नही किया जायेगा।
यह हमारी धार्मिक स्वतंत्रता है। मध्य प्रदेश जानकीकुंड क्षेत्र के ख्यातिलब्ध संत साहब बाबा ने कहा कि चित्रकूट मे बीती अमावस्या के दौरान दुर्घटना का कारण अफवाह बताया। उन्होने कहा कि यदि चित्रकूट आने वाले लाखो श्रद्घालु नारियल न तोडे, अगरबत्ती कपूर न जलाये तो फिर चित्रकूट क्यो आये। सम्पन्न हुई बैठक में प्रमुख रूप से चित्रकूट के जाने माने संत महंतो में ब्रह्मचारी सनकादिक महाराज, मदनगोपालदास, आदित्य नारायण दास, सीतारामदास, सुन्दरदास, शत्रुघनदास, महंत सुखरामदास, महर्षि दयाराम तपस्वी, महंत भुवनेश्वरदास, महंत रामदुलारे दास के अलावा अन्य सैकडो संत महंत मौजूद रहे।