भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यसचिव अंटोनी डिसा इसी साल अक्टूबर माह में रिटायर हो रहे हैं। हालाँकि अभी उनके रिटायर होने में ञ महीने बाकी हैं, फिर भी सरकार के स्तर पर नए मुख्य सचिव की तलाश शुरू हो गई है।
चूंकि वर्ष 2018 में राज्य विधानसभा के चुनाव भी होना है, इसलिए ऐसे सीनियर अफसरों को तौला जा रहा है, जिनसे सी.एम. की ट्यूनिंग बैठ सके। प्रदेश का नया प्रशासनिक प्रमुख कौन होगा, इसे लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं।
अपर मुख्य सचिव गृह बसंत प्रताप सिंह, वित्त एडीशनल चीफ सेक्रेटरी डॉ.एपी श्रीवास्तव, जलसंसाधन एडीशनल चीफ सेक्रेटरी राधेश्याम जुलानिया और एडीशनल चीफ सेक्रेटरी बनने के बाद इकबाल सिंह बैस में नए मुख्य सचिव की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
केन्द्र में पदस्थ मप्र कॉडर के अफसरों को लेकर भी विचार किया जा रहा है। इनमें सबसे पहला नाम प्रभुदयाल मीणा का लिया जा रहा है और उनका पक्ष सब से ज्यादा प्रबल नजर आ रहा है।
एक्सटेंशन पर सब निर्भर
राज्य सरकार की अनुशंसा अगर केन्द्र सरकार ने मान ली, तो मुख्य सचिव एंटोनी डिसा को तीन माह का एक्सटेंशन मिल सकता है। इसके बाद ही प्रदेश के नए प्रशासनिक मुखिया की पोस्टिंग होगी। यदि डिसा को एक्सटेंशन मिलता है तो फिर सीएस बनने की रेस में सबसे आगे इकबाल सिंह बैस होंगे। और यदि ऐसा नहीं होता है तो फिर पीडी मीणा या बसंतप्रताप सिंह में से कोई एक सीएस बन सकता है।
अक्टूबर तक डिसा रहेंगे और यदि एक्सटेंशन मिलता है तो वे जनवरी 2017 में रिटायर होंगे। विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2018 में होना है, इसलिए मुख्यमंत्री की कोशिश होगी कि कोई उनका विश्वसनीय अधिकारी ही सीएस बने, इसलिए इकबाल सिंह बैस को चुना जा सकता है। लेकिन इसके लिए मंत्रालय में पदस्थ कुछ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को इधर-उधर करना होगा।
रेस में ये शामिल
बसंत प्रताप सिंह: 1984 बैच के आईएसएस अधिकारी, वर्तमान में अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह के पद पर। श्री सिंह जुलाई, 2018 में रिटायर होंगे। इनकी विशेषता यह है कि ये वही काम करते हैं, जो नियमों के मुताबिक हो सकता है। अपने अधीनस्थ अधिकारियों को साथ लेकर चलते हैं और उनके काम पर विश्वास भी करते हैं।
प्रभुदयाल मीणा: 1980 बैच के आईएएस, वर्तमान में केंद्र में सचिव के पद पर। पीडी मीणा 2017 में रिटायर होंगे। सरल व्यक्तित्व, शांत स्वभाव और प्रशासनिक अनुभव तथा दक्षता इनकी खूबियाँ हैं।