मुंबई। दहेज प्रताडना सहित कई आरोपों को झेल रहीं राधे मां को मुंबई हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। हाईकोर्ट ने उन्हें दो सप्ताह का समय देते हुए पुलिस थाने में हाजिरी लगाने का निर्देश दिया है।
शुक्रवार को उन्हें अपना बयान कांदिवली पुलिस थाने में दर्ज करवाना था। भक्तों के लाव-लश्कर के साथ कांदिवली पुलिस थाने पहुंची राधे मां का बयान पुलिस नहीं ले पाई।
मुंबई हाईकोर्ट से दहेज प्रताडना सहित कई आरोपों में राहत मिलने के बाद राधे मां अपना पक्ष रखने खुलकर मीडिया के सामने आई हैं, उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत करते हुए कहा कि मेरा ईश्वर जानता है, मैं निर्दोष हूं मेरे ऊपर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं।
राधे मां ने आगे कहा कि जिस महिला ने मेरे खिलाफ दहेज प्रताडना की शिकायत दर्ज कराई है, वह भी मेरी भक्त थी। कुछ व्यक्तिगत कारणों से वह परेशान चल रही थी, जिसका लाभ उठाते हुए कुछ लोगों ने उसे मेरे खिलाफ भडक़ाया है, ईश्वर उसकी रक्षा करें।
उल्लेखनीय है कि राधे मां सहित 7 लोगों के खिलाफ निक्की गुप्ता नामक महिला ने कांदिवली पुलिस थाने में दहेज प्रताडना का मामला दर्ज कराया है। निक्की गुप्ता ने राधे मां पर पैसे मांगने और दुव्र्यवहार करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में 14 अगस्त को पूछताछ के लिए पुलिस ने समन भी जारी किया था।
कांदिवली पुलिस थाने वे अपने भक्तों के लाव-लश्कर के साथ पहुंची थीं और मीडिया से बातचीत करते हुए राधे मां ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और न्यायालय के उपर विश्वास जताते हुए कहाकि मैं ईश्वर की साधना करती हूं, मुझे पैसे का कोई लोभ नहीं है। मेरे ऊपर दहेज का आरोप लगाना ठीक नहीं है और न ही मैंने कोई गलत काम नहीं किया है।
इसी क्रम में राधे मां के सेवादार संजीव गुप्ता ने कहा कि निक्की गुप्ता द्वारा लगाया गया आरोप गलत है। मैंने अपनी आस्था के अनुसार राधे मां को अपना गुरु मां बनाया है। जब मैं संकट में था, तो इन्हीं राधे मां की सेवा करने से मेरा संकट दूर हुआ था। भक्ति में भजन, कीर्तन तथा नाचना पुरानी सनातन परंपरा रही है, लेकिन आज इस पर भी सवाल उठाया जा रहा है।