सबगुरु न्यूज-सिरोही। जैसा कि पहले ही आशंका थी कि सिरोही में रावण दहन के दौरान विवाद होगा, वैसा ही हुआ। अतिथियों के पहुंचने से पहले ही मंच पर भाटकडा गरबा मंडल की ओर राम, लक्ष्मण, हनुमान, गणेश आदि के स्वांग में आए युवकों ने कब्जा कर लिया तो अतिथियों के आने के बाद भाजपा के पार्षदों ने सभापति को खरा खरा सुनाया। स्थिति यह थी कि मंच पर सभापति भाषण दे रहे थे और मंच के नीचे पार्षद उनके करीबियों की खिलाफत कर रहे थे। संभवतः विवादों की आशंका को भांपते हुए जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक भी नहीं आए।
कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही भाटकडा गरबा मंडल वाले कार्यकर्ता वहां पहुंच गए। राम-लक्ष्मण हनुमान आदि की वेशभूषा मंे आए युवकों ने मंच पर कब्जा कर लिया। इन्होंने सभापति ताराराम माली और भाजपा ब्लाॅक अध्यक्ष सुरेश सगरवंशी के खिलाफ नारेबाजी की। इस पर सभापति ताराराम माली ने उनसे समझाइश की। काफी देर बाद वे माने, लेकिन सुरेश सगरवंशी को मंच पर नहीं बैठाने को लेकर वह अडे रहे।
इस बीच समझाइश में एक नेता यह भी अनुरोध कर गया कि सभापति के खिलाफ नारेबाजी नहीं करें दूसरे जिससे विरोध है उसके खिलाफ करें। इसके बाद भाजपा ब्लाॅक अध्यक्ष के खिलाफ फिर नारेबाजी हुई। इनका विरोध सुरेश सगरवंशी को नगर परिषद की ओर से अतिथि बनाने और जगदम्बा नवयुवक मंडल को शेष गरबा मंडलों से ज्यादा राशि दिए जाने का था। बाद में सभी गरबा मंडल कार्यक्रम का बहिष्कार करके चले गए।
इधर, जगदम्बा नवयुवक मंडल के अध्यक्ष राजेश गुलाबवानी ने एक पत्र देकर वर्ष 2018 की उनके मंडल के हिस्से की सहयोग राशि शहर के विकास में लगाने का पत्र देकर एक कदम आगे की कोडी चली। मामला हल्का पड़ा तो वे लोग मंच से उतरे। इधर, अतिथियों के आने पर सभापति के द्वारा मात्र उनके करीबी चार पार्षदों का नाम स्वागत में रखने और दूसरे के नामों पर भी इन्ही के चले जाने से फिर विवाद हुआ।
भाजपा के सभापति का भाजपा के शेष पार्षदों का नाम सम्मान सूची में देने के बाद भी एक ही पार्षद के उनके स्थान पर चले जाने का विरोध भाजपा पार्षद प्रवीण कुमार और विरेन्द्र एम चौहान ने किया। यह विवाद भी बहुत देर तक चला। पुलिसकर्मियों ने आकर समझाइश की तब वे माने। वैसे बाद में सुरेश सगरवंशी मंच पर बैठे। वहीं जिला कलक्टर का प्रतिनिधित्व एडीएम जवाहर चौधरी ने तो पुलिस अधीक्षक का प्रतिनिधित्व एएसपी सतनामसिंह ने की। भाजपा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी, विरेन्द्रसिंह चैहान, रघुनाथ माली, भूपत देसाई, सुरेश सगरवंशी आदि भी सभापति के साथ मंचासीन थे।
-मंच पर सम्मान समझ रहे थे नीचे लोग कोस रहे थे
एक ऐसा कार्यक्रम जिसे देखने के लिए हजारों लोग आ रहे हैं वहां पर अपने भाषण से आफरे निकालना आम जनता को नागवार गुजरना वाजिब है। हर बार सिरोही में दशहरे के मंच को राजनीतिक भाषण और टीप करके ज्ञान बघारने का मंच बना दिया जाता है। इसे मंच पर भाषण देने वाले अपनी शान समझते जरूर हैं, लेकिन भीड में उनके लिए जो शब्द निकलकर आते हैं उन्हें वे सुन लें तो शायद उनके कान में सीसा पिघल जाए।
इस बार भी यही हुआ मंच पर बैठे अतिथि रावण दहन के दौरान भाषण देने और माला साफा पहनकर खुद इतरा भले रहे हों, लेकिन रावण दहन देखने के लिए आए लोग उन्हें धिक्कार रहे थे। मुख्य अतिथि और कार्यक्रम अध्यक्ष के अलावा शेष लोगों की भाषणबाजी हर किसी को नागवार गुजरी। आखिर जनता में अपमानित होने को मंच पर सम्मान समझने की यह प्रवृत्ति दशहरे कार्यक्रम से कब हटेगी इसका इंतजार लोगों को भी है।
-कांग्रेस नेता के कमजोर शागिर्द
कांग्रेस के पार्षदों ने इस बार रावणदहन स्थल पर नहीं जाकर कार्यक्रम का विरोध जताया। इस विरोध का न तो लोगों को पता चला और न ही अतिथियों को। नगर परिषद में चार नारे लगाकर वे घर जाकर सो गए। वहीं भाजपा के दो पार्षदों ने पार्षदों को अपमानित किए जाने को लेकर कार्यक्रम स्थल पर विरोध जताकर नेता प्रतिपक्ष से बेहतर भूमिका निभाई। कांग्रेस नेता संयम लोढा के ऐसे कमजोर सिपहसालार सिरोही ऐसी कमजोर रणनीतियों से तो सत्ता को हावी होने का ही मौका दे रहे हैं।
-आतिशबाजियों के बीच जले रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण
नेहरू पेवेलियन में नगर परिषद की ओर से आयोजित दशहरा पर्व में इस बार भी रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण का पुतला बनाया गया था। पुतला दहन से पूर्व और बाद में लोगों के आकर्षण के लिए आतिशाबाजी भी रखी गई, लेकिन भाषणबाजी और स्वागत से बोझिल हो चुके लोगों ने रावण दहन के बाद वहां आतिशबाजी के लिए रुकना उचित नहीं समझा। वैसे इस बार पुतलों में पटाखों की संख्या काफी अच्छी थी।
-एक राम ने मंच पर बैठे नेताओं को रावण बताते हुए रावण जलाने से मना किया तो दूसरा लाए
एक दशक से ज्यादा समय से दशहरे के लिए राम, लक्ष्मण, रामसेना भाटकडा गरबा मंडल के युवक ही बनते हैं। यही लोग दशहरा मैदान में जाकर रावण दहन करते हैं। इस बार यह लोग कार्यक्रम में पहले पहुंच गए। भाटकडा गरबा मंडल के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि जगदम्बा नवयुवक मंडल को हर बार ज्यादा पैसा दिया जाता है।
हर बार भाटकडा गरबा मंडल के युवक ही राम, लक्ष्मण व अन्य देवताओं की वेशभूषा में दशहरा मैदान आकर रावण दहन करते हैं। इन वेशभूषाओं के संधारण और देखरेख में पैसा लगता है। इसके बावजूद उन्हें वाहन लेने के लिए कई-कई बार जगदम्बा नवयुवक मंडल के चक्कर काटने पडते हैं। 24 गरबा मंडलों में 23 को नगर परिषद की तरफ से 11-11 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है, जबकि जगदम्बा नवयुवक मंडल को 31 हजार रुपये।
उनका आरोप था कि जगदम्बा नवयुवक मंडल के संरक्षक व भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष सुरेश सगरवंशी के नगर परिषद सभापति ताराराम माली के खास होने के कारण ऐसा किया जाता है। राम के वेश में दशहरा मैदान पहुंचे युवक ने मंच पर बैठे भाजपा नेताओं को भ्रष्ट और रावण की संज्ञा देते हुए रावण का पुतला दहन करने से मना कर दिया था। इस पर जगदम्बा नवयुवक मंडल को एक बच्चे को राम के वेश में जुलूस के रूप में दशहरा मैदान लाना पडा और उनकी सेना वहां नहीं पहुंची।
-गाजे-बाजे के साथ पहुंची शोभायात्रा
दशहरा पर्व के अवसर पर निकलने वाली पारंपरिक शोभायात्रा रामझरोखा मैदान से दशहरा मैदान पहुंची जहां राम ने रावण का दहन किया। देवनगरी गरबा मंडल महासमिति के लोकेश खंडेलवाल के अनुसार प्रतिवर्ष निकलने वाली विजयादशमी शोभायात्रा शहर के गरबा मंडलो के साथ रामझरोखा मैदान से रवाना हुई जो सरजावाव दरवाजा, बस स्टैंड चौराया, जेल रोड होते हुए दशहरा मैदान पहुंची।
शोभायात्रा में मातर माता सेवा संस्थान गरबा मंडल, जय अंबे नवयुग मंडल संपूर्णानंद कॉलोनी, शक्ति माता नवयुक मंडल शाहजी की बाड़ी, मां चामुंडा नवयुवक गरबा मंडल, सुंधा माता गरबा मंडल भाटकड़ा कोट, संगम समिति गरबा मंडल PWD कॉलोनी, अंबाजी गरबा मंडल पुलिस लाइन, मोकलसर गरबा मंडल सिरोही, आदर्श नगर गरबा मंडल, पदमनाथ महिला गरबा मंडल आदि गरबा मंडलो व उनके सदस्यों ने शोभायात्रा में भाग लिया। शोभा यात्रा में घोड़े रथ, झाकिया, बेंड आदि सम्मिलित थे