नई दिल्ली। ज्ञानपीठ चयन बोर्ड द्वारा मंगलवार को 51वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए गुजराती के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं लेखक रघुवीर चौधरी के नाम की घोषणा कर दी गई है। उन्हें अगले वर्ष एक सम्मान समारोह में वर्ष 2015 का ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जाएगा।
भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। इस पुरस्कार में 11 लाख रूपए की राशि, वाग्देवी की प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र आदि शामिल है।
ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चौधरी के नाम का चयन वरिष्ठ साहित्य आलोचक नामवर सिंह की अध्यक्षता वाली समिति ने किया। इस समिति में नामवर सिंह के अलावा अंग्रेजी के जाने-माने आलोचक हरिश त्रिवेदी, उडिया के लेखक रमाकांत रथ, उर्दू के शमीम हनफी, मराठी केचंद्रकांत पाटिल तथा प्रोफेसर सुरंजन दास के साथ ही भारतीय ज्ञानपीठ के पूर्व निदेशक दिनेश मिश्र एवं वर्तमान निदेशक लीलाधर मंडलोई आदि शामिल रहे।
गुजराती के प्रतिष्ठित गांधीवादी उपन्यासकार रघुवीर चौधरी का जन्म 05 दिसम्बर 1938 को गाँधीनगर के पास बापूपारा में हुआ था। उन्होंने 1962 में गुजरात विश्वविद्यालय में हिन्दी में स्नातकोत्तर किया और गुजरात विश्वविद्यालय में अध्यापन के काम से जुड़ गए और 1979 में हिन्दी और गुजराती की मौखिक परम्परा के तुलनात्मक अध्ययन पर पीएचडी भी की।
चौधरी 1977 में गुजरात विश्वविद्यालय के भाषा विभाग में व्याख्याता बने और 1998 में विभागाध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत हुए। श्री चौधरी 2002 से 2004 तक भारतीय प्रेस परिषद् के सदस्य भी रहे तथा 25वें फिल्म समारोह की जूरी के मेंबर भी रहे। गुजराती के प्रतिष्ठित उपन्यासकार गांधीवादी रघुवीर चौधरी 2005 में गुजरात साहित्य परिषद के अध्यक्ष भी रहे हैं।
चौधरी अध्ययन के दौरान ही साहित्य के क्षेत्र से जुड़ गए थे। उन्होंने कविता, नाटक जैसी अन्य साहित्यिक विधाओं में भी महत्वपूर्ण लेखन किया है। उनके साहित्य सृजन पर गोवर्धनराम त्रिपाठी, काका कालेलकर, सुरेश जोशी, प्रो. रामदरश मिश्रा और प्रो जीएन डिकी का प्रभाव दिखाई देता है। वह कई पत्र-पत्रिकाओं से स्तंभकार के रूप में भी जुड़ रहे हैं।
उन्होंने अब तक 80 से अधिक पुस्तकं लिखी, जिनमें अमृता, सहवास, अन्तर्वास, पूर्वरंग, वेणु वात्सल,(उपन्यास), तमाशा और वृक्ष पतनमा(कविता संग्रह) प्रमुख हैं। वर्ष 1977 में उनकी कृति ‘उप्रवास कथात्रयी’ के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा वार्षिक आधार पर दिया जाने वाला यह पुरस्कार संविधान की आठवीं अनुसूची में वर्णित 22 भारतीय भाषाओं में लेखन कार्य करने वाले साहित्यकार को उसके जीवनभर के साहित्यिक योगदान को देखते हुए दिया जाता है। वर्ष 2015 में 51वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए साहित्य के क्षेत्र में वर्षों से काम कर रहे चौधरी का नाम घोषित किया गया है।
इन्हें मिला है ज्ञानपीठ पुरस्कार
प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार 1965 में मलयालम लेखक जी शंकर कुरुप को प्रदान किया गया था। जिसके उपरान्त अब तक 54 लेखकों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, जिसकी सूची निम्न प्रकार से है-
ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता 1965 से अब तक
वर्ष – ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार
1965 प्रथम- जी शंकर कुरुप, मलयालम
1966 द्वितीय- ताराशंकर बंधोपाध्याय, बांग्ला
1967 तृतीय- 1-के.वी. पुत्तपा, कन्नड़ एवं 2-उमाशंकर जोशी गुजराती
1968 चतुर्थ- सुमित्रानंदन पंत हिन्दी
1969 5वाँ- फिऱाक गोरखपुरी उर्दू
1970 6वाँ- विश्वनाथ सत्यनारायण तेलुगु
1971 7वाँ- विष्णु डे बांग्ला
1972 8वाँ- रामधारी सिंह दिनकर हिन्दी
1973 9वाँ- 1 दत्तात्रेय रामचंद्र बेन्द्रे कन्नड़ एवं 2 गोपीनाथ महान्ती ओडिय़ा
1974 10वाँ- विष्णु सखा खांडेकर मराठी
1975 11वाँ- पी.वी. अकिलानंदम तमिल
1976 12वाँ- आशापूर्णा देवी बांग्ला
1977 13वाँ- के. शिवराम कारंत कन्नड़
1978 14वाँ- एच. एस. अज्ञेय हिन्दी
1979 15वाँ- बिरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य असमिया
1980 16वाँ- एस.के. पोट्टेकट मलयालम
1981 17वाँ- अमृता प्रीतम पंजाबी
1982 18वाँ- महादेवी वर्मा हिन्दी
1983 19वाँ- मस्ती वेंकटेश अयंगर कन्नड़
1984 20वाँ- तक्षी शिवशंकरा पिल्लई मलयालम
1985 21वाँ- पन्नालाल पटेल गुजराती
1986 22वाँ- सच्चिदानंद राउतराय ओडिय़ा
1987 23वाँ- विष्णु वामन शिरवाडकर कुसुमाग्रज मराठी
1988 24वाँ- डॉ. सी नारायण रेड्डी तेलुगु
1989 25वाँ- कुर्तुल एन. हैदर उर्दू
1990 26वाँ- वी.के.गोकक कन्नड़
1991 27वाँ- सुभाष मुखोपाध्याय बांग्ला
1992 28वाँ- नरेश मेहता हिन्दी
1993 29वाँ- सीताकांत महापात्र ओडिय़ा
1994 30वाँ- यू.आर. अनंतमूर्ति कन्नड़
1995 31वाँ- एम.टी. वासुदेव नायर मलयालम
1996 32वाँ- महाश्वेता देवी बांग्ला
1997 33वाँ- अली सरदार जाफरी उर्दू
1998 34वाँ- गिरीश कर्नाड कन्नड़
1999 35वाँ- 1 निर्मल वर्मा हिन्दी एवं 2 गुरदयाल सिंह पंजाबी
2000 36वाँ- इंदिरा गोस्वामी असमिया
2001 37वाँ- राजेन्द्र केशवलाल शाह गुजराती
2002 38वाँ- दण्डपाणी जयकान्तन तमिल
2003 39वाँ- विंदा करंदीकर मराठी
2004 40वाँ- रहमान राही कश्मीरी
2005 41वाँ- कुँवर नारायण हिन्दी
2006 42वाँ- 1 रवीन्द्र केलकर कोंकणी एवं 2 सत्यव्रत शास्त्री संस्कृत
2007 43वाँ- ओ.एन.वी. कुरुप मलयालम
2008 44वाँ- अखलाक मुहम्मद खान शहरयार उर्दू
2009 45वाँ- अमरकान्त व श्रीलाल शुक्ल हिन्दी
2010 46वाँ- चन्द्रशेखर कम्बार कन्नड
2011 47वाँ- प्रतिभा राय ओडिय़ा
2012 48वाँ- रावुरी भारद्वाज तेलुगू
2013 49वाँ- केदारनाथ सिंह दोनों हिन्दी
2014 50वाँ- भालचन्द्र नेमाड़े मराठी
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