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राहुल-चीनी राजदूत मुलाकात : मुद्दा बनाए जाने पर कांग्रेस असहज - Sabguru News
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राहुल-चीनी राजदूत मुलाकात : मुद्दा बनाए जाने पर कांग्रेस असहज

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राहुल-चीनी राजदूत मुलाकात : मुद्दा बनाए जाने पर कांग्रेस असहज
Congress and China try to hide meeting between Rahul Gandhi and chinese Ambassador Luo Zhaohui
Congress and China try to hide meeting between Rahul Gandhi and chinese Ambassador Luo Zhaohui
Congress and China try to hide meeting between Rahul Gandhi and chinese Ambassador Luo Zhaohui

नई दिल्ली। कांग्रेस भारत-चीन सीमा पर जारी गतिरोध के बीच दिल्ली में अपने उपाध्यक्ष राहुल गांधी की चीनी राजदूत लुओ झाओहुई से मुलाकात पर उठे विवाद को लेकर सोमवार को अहसज स्थिति में दिखाई दी। लेकिन बाद में कांग्रेस ने अपने नुकसान की भरपाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बीते सप्ताह हैम्बर्ग में मुलाकात पर सवाल उठाकर की।

सरकार पर हमला करते हुए राहुल ने कहा कि यदि वह मेरे 8 जुलाई को चीनी राजदूत के साथ मुलाकात को लेकर ज्यादा चिंतित हैं, तो फिर सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में सीमा पर गतिरोध के बीच तीन केंद्रीय मंत्री चीन के आतिथ्य का आनंद क्यों उठा रहे हैं? सीमा विवाद क्यों जारी है।

बीते सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हैम्बर्ग में मिले थे। राहुल ने भारत, चीन व भूटान तिराहे पर डोकलाम में सीमा पर गतिरोध को लेकर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया था।

बिना किसी स्पष्टीकरण के कांग्रेस ने दिन में राहुल की चीनी राजदूत से मुलाकात को पहले ‘फर्जी खबर’ बताया और बाद में माना कि इस तरह की मुलाकात हुई थी।

कांग्रेस ने स्वीकारा, राहुल-चीनी राजदूत की मुलाकात हुई थी

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर चीनी राजदूत व राहुल गांधी के बीच किसी बैठक से इनकार किया था। इन दोनों की मुलाकात को लेकर कुछ चैनलों ने रिपोर्ट दी थी।

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के संबंध में ये खबरें विदेश मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने गढ़ी हैं।

शाम को यू टर्न लेते हुए सुरजेवाला ने कहा कि कई राजदूत और राजनयिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से समय-समय पर शिष्टाचार मुलाकात करते रहते हैं। खास तौर से जी5 में शामिल देश व पड़ोसी देशों के भी शामिल हैं.. इनमें चीनी राजदूत हो सकते हैं या भूटानी राजदूत या पूर्व एनएसए शिव शंकर मेनन।

हालांकि बाद में सुरजेवाला ने यह स्पष्टीकरण नहीं दिया कि सुबह में इनकार क्यों किया गया।चीनी दूतावास ने 8 जुलाई की राहुल व लुओ की मुलाकात के बारे में जानकारी अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किया था। उसने अपनी पोस्ट को बाद में हटा लिया।

दूतावास ने अपने वीचैट खाते में कहा, आठ जुलाई को राजदूत लुओ झाओहुई ने कांग्रेस पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने मौजूदा भारत-चीन रिश्तों व दूसरे व्यापार के मुद्दों पर विचार- विमर्श किया। काउंसलर झोऊ युवान ने बैठक में भाग लिया।

बाद में राहुल गांधी ने राजदूत से मुलाकात को लेकर खुद अपना बचाव करते हुए ट्वीट किया और कहा कि यह उनका कार्य है कि वह गंभीर मुद्दों की जानकारी लें।

राहुल ने कहा कि गंभीर मुद्दों की जानकारी लेना मेरा काम है। मैंने चीन के राजदूत, पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, पूर्वोत्तर के कांग्रेस नेताओं तथा भूटान के राजदूत से मुलाकात की।

उन्होंने कहा कि यदि सरकार राजदूत से उनकी मुलाकात को लेकर ज्यादा चिंतित है, तो उसे बताना चाहिए कि सीमा पर गतिरोध जारी होने के बाद भी, क्यों उनके तीन मंत्री चीनी आतिथ्य स्वीकार कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने साल 2014 की की एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें बताया गया था कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे के दौरान चीनी सेना भारतीय सीमा में दाखिल हो गई थी, जिस वक्त मोदी अहमदाबाद में शी की मेजबानी कर रहे थे। दोनों नेताओं ने साथ-साथ झूला भी झूला था।

उन्होंने कहा कि और आप जान लीजिए कि मैं वह शख्स नहीं हूं, जो हजारों की तादाद में चीनी सैनिकों के भारतीय सीमा में प्रवेश करने के बाद भी झूला झूलता रहे।

दोपहर बाद के अपने बयान में सुरजेवाला ने कहा कि किसी को भी इस तरह के शिष्टाचार मुलाकात को सनसनीखेज बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, जैसा कि गृह मंत्रालय के स्रोत इसे बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी दूसरे विपक्षी नेताओं की तरह पूरी तरह से राष्ट्रीय हितों के प्रति सजग हैं और भारत-चीन सीमा और भूटान व सिक्किम में उत्पन्न स्थिति के बारे में चिंतित हैं।

सुरजेवाला ने कहा कि कई राजदूतों ने राहुल गांधी से मुलाकात की है। न सिर्फ चीनी राजदूत, बल्कि भूटानी राजदूत व पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन भी इनमें शामिल रहे।

कांग्रेस ने सरकार पर हमला किया और कहा कि राहुल की मुलाकात पर क्यों इतना हंगामा किया जा रहा है, जबकि मोदी हैम्बर्ग में चीनी राष्ट्रपति से उनके होटल में जाकर मिले।

सुरजेवाला ने कहा कि मेरे पास कुछ सवाल हैं, यदि राहुल की मुलाकात पर बवाल किया जा रहा है, तब क्यों प्रधानमंत्री मोदी लेक एलस्टर से ग्रांड एल्सी होटल जाकर चीनी राष्ट्रपति से मिले, खासकर चीन ने यह कहा था कि सीमा गतिरोध की वजह से द्विपक्षीय वार्ता संभव नहीं है।

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर बीजिंग में क्या कर रहे थे। संस्कृति मंत्री महेश शर्मा 6 व 7 जुलाई को बीजिंग में क्या कर रहे थे और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा चीन में उसी दौरान क्या कर रहे थे, जवाब दें।