नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन से ही लोकसभा में पार्टी की लगभग कमान संभाल ली है। राहुल गांधी बजट सत्र के पहले चरण में लंबी छुट्टी पर चले गए थे।
उस वक्त उनके बारे में अनेक प्रकार के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन अब पिछले तीन दिनों से लोकसभा में जिस प्रकार से उन्होंने पार्टी की कमान संभाली और मोदी सरकार पर रोजाना हमले पर हमले करते जा रहे, इससे हर कांग्रेसी नेताओं के चेहरे खिल उठे है।
लोकसभा के दूसरे चरण के पहले दिन कृषि पर जारी चर्चा में भाग लेते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरकार को बेमौसम की बारिश से हुए नुकसान के बारे में गलत आंकड़ों को पेश करने के लिए घेरा।
राहुल पिछले तीन दिन से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कभी भाजपा के प्रधानमंत्री, सत्ता पक्ष की ओर देखते हुए आपके प्रधानमंत्री, इसके बाद अनेक टोकाटाकी के बाद उन्होंने देश के प्रधानमंत्री कहा।
आज शून्य काल के दौरान केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने राहुल गांधी द्वारा उनके खिलाफ व्यक्तिगत की गई टिप्पणी के बारे में कहा कि महाराष्ट्र मे दिये गये भाषण को एक समाचार चैनल ने तोड मरोड कर पेश किया है।
राहुल गांधी ने गडकरी के बयान के तुरंत बाद जैसे कुछ कहने के लिए खड़े हुये तो सत्ता पक्ष के लोग विरोध करने लगे। राहुल ने इस मौके पर कहा कि अब वह जो बात कहने जा रहे है उससे आप सभी लोग खुश हो जाएगें।
उन्होंने कहा कि टाइम पत्रिका में आपके प्रधानमंत्री नहीं देश के प्रधानमंत्री के बारे अमेरिका के राष्ट्रपति ने एक बड़ा लेख लिखा है और यह बहुत खुशी की बात है।
मोदी जी की प्रशंसा शायद अमेरिका के राष्ट्रपति ने गोर्बाचौब के बाद की है। कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने इस दौरान मांग की कि देश में नेट तटस्थता सुनिश्चित करने के लिए या मौजूदा कानून में बदलाव हो या नया कानून बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि देशभर में इस विषय पर खासा आक्रोश पनपा हुआ है और सरकार को समय रहते इस बात के लिए कदम उठाने चाहिए कि इंटरनेट की सुविधा सबको निर्बाध रूप से और समान आधार पर उपलब्ध हो।
उन्होंने ट्राई द्वारा हाल में लागाए गए परामर्श पत्र को खारिज करने की मांग करते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि वह इंटरनेट देश के बड़े उद्योगपतियों को सौंपना चाहती है।
इससे पहले राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर लोकसभा में प्रश्नकाल स्थगित कर इस बारे में तत्काल चर्चा कराने के लिये कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। राहुल के कार्यस्थगन नोटिस को लोकसभा अध्यक्ष ने स्वीकार नहीं किया और उन्हें शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाने की इजाजत दी। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले को कल माकपाके एम बी राजेश ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया था।
इस पर संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी द्वारा उठाये गए सवालों का जवाब देते हुए उन्हें विपक्ष के वरिष्ठ नेता बताया। प्रसाद ने कहा कि सरकार किसी भी कार्पोरेट हाउस के दबाव में नहीं आई है और न आएगी।
उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री मोदी सोसल मीडिया पर काफी प्रसिद्ध है।
राहुल गांधी द्वारा सदन में अधिक से अधिक समय दिए जाने के कारण उनकी माता सोनिया गांधी और पार्टी के अन्य नेता काफी उत्साहित है।