नई दिल्ली। गुजरात में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ लगातार अभियान चलाने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष चुन लिए गए। वह इस पद पर अपनी मां व 19 साल तक पार्टी अध्यक्ष का कार्यभार संभालने वाली सोनिया गांधी का स्थान लेंगे।
राहुल गांधी (47) हिमाचल व गुजरात चुनाव की वोटों की गिनती से दो दिन पहले औपचारिक रूप से यह पद संभालेंगे।
कांग्रेस नेता मुल्लाप्पली रामचंद्रन ने मीडिया को बताया कि राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में प्रस्तावित करने वाले कुल 89 नामांकन प्राप्त हुए। सभी नामांकन पत्रों को वैध पाया गया।
उन्होंने कहा कि नाम वापस लेने की तिथि व समय खत्म होने के बाद केवल एक ही उम्मीदवार थे, इसलिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संविधान के आर्टिकल 18(डी) के तहत, मैं राहुल गांधी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष घोषित करता हूं।
राहुल गांधी नेहरू-गांधी परिवार के छठे कांग्रेस अध्यक्ष हैं। इससे पहले उनकी मां सोनिया गांधी के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस 2004 से 2014 तक सत्ता में रही। उन्होंने 19 वर्षो तक पार्टी अध्यक्ष का कार्यभार संभाला।
रामचंद्रन ने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण है। चुनाव का प्रमाण पत्र 16 दिसंबर को दिया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने नियमों पर जोर दिया था और यह सुनिश्चित किया था कि चुनाव पारदर्शी और अर्थपूर्ण ढंग से हो।
उन्होंने कहा कि राहुल और सोनिया गांधी दोनों ने चुनाव अधिकारियों के कार्यो में कभी हस्तक्षेप नहीं किया। हमें हमारे दायित्व को निभाने के लिए पूरी छूट व स्वतंत्रता दी गई।
राहुल गांधी ने 4 दिसंबर को इस पद के लिए नामांकन भरा था और वह वर्ष 2013 से पार्टी उपाध्यक्ष का पद संभाल रहे थे।
89 नामांकन के सभी प्रस्तावक राहुल के समर्थन में थे। राहुल गांधी के नामांकन भरने के वक्त पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी उनके साथ थे।
वास्तव में नामांकन के लिए 90 फॉर्म जारी किए गए थे लेकिन एक फार्म जारी नहीं किया जा सका क्योंकि पर्याप्त संख्या में प्रस्तावक मौजूद नहीं थे।
पूरे देश भर से कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालयों के पास राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने की खुशी में पटाखे फोड़े और खुशियां मनाई।