नीमच/मंदसौर/भोपाल। मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसानों के परिजनों से मुलाकात करने जा रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी और 29 नेताओं को गुरुवार को नीमच सीमा पर गिरफ्तार किए जाने के बाद रिहा कर दिया गया है।
नीमच के पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह ने बताया कि जिले में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण शांति भंग की आशंका में राहुल गांधी और 29 नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद सब डिवीजन मजिस्टेट ने सभी को मुचलके पर रिहा कर दिया।
सिंह ने कहा कि गांधी और अन्य नेताओं को राजस्थान सीमा की ओर रवाना कर दिया गया है।कांग्रेस सूत्रों के अनुसार राहुल ने राजस्थान सीमा पर पीड़ित किसानों के परिजनों से मुलाकात की, और उन्हें ढाढस बंधाया तथा उनकी इस लड़ाई में साथ देने का वादा किया।
राहुल गांधी पुलिस को चकमा दे बाइक से मंदसौर रवाना हुए
उल्लेखनीय है कि मंदसौर में प्रवेश की अनुमति न मिलने पर राहुल सड़क मार्ग से उदयपुर से मंदसौर जा रहे थे। इसके पहले वह हवाई मार्ग से दिल्ली से उदयपुर पहुंचे थे।
बीच में वह पुलिस को चकमा देते हुए नीमच से पहले निंबाड़ से मोटर साइकिल से मंदसौर की ओर रवाना हुए। पहले सचिन पायलट और फिर विधायक जीतू पटवारी ने मोटर साइकिल चलाई। वे कच्चे मार्ग से चिंताखेड़ा होते हुए नीमच सीमा पर पहुंच गए।
नीमच सीमा पर पहुंचते ही नयागांव में राहुल को पुलिस ने घेरा तो वह किसानों के साथ खेत में पहुंच गए। वहां पुलिस ने उन्हें घेर लिया, और हिरासत में ले लिया।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने बताया कि राहुल गांधी हवाई जहाज से उदयपुर पहुंचे, उसके बाद उनका नयागांव होते हुए मंदसौर में प्रवेश की योजना थी, मगर अंतिम समय में रणनीति बदली गई। नीमच में पुलिस ने रोककर गांधी व अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया।
जिलाधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि गांधी को मंदसौर में प्रवेश की अनुमति नहीं थी।राहुल के साथ जनता दल (युनाइटेड) के वरिष्ठ नेता शरद यादव और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, सचिन पायलट, मोहन प्रकाश, अरुण यादव, अजय सिंह सहित गिरफ्तार सभी नेताओं को जावद तहसील में स्थित विक्रम रेस्ट हाउस में रखा गया था।
पुलिस के अनुसार राहुल गांधी के आने की सूचना के मद्देनजर राजस्थान से मध्य प्रदेश को जोड़ने वाले मार्ग पर बैरीकेट लगाए गए थे और पुलिस बल तैनात किए गए थे।
ज्ञात हो कि राहुल का बुधवार को इंदौर होते हुए मंदसौर जाने की योजना थी, मगर प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी।
राज्य के किसान एक जून से आंदोलन कर रहे हैं। मालवा-निवाड़ अंचल में किसानों का आंदोलन उग्र बना हुआ है। मंगलवार को मंदसौर में पुलिस गोलीबारी में पांच किसानों की मौत हो गई। बुधवार को आंदोलन की आग आसपास के नीचम, देवास आदि जिलों में भी फैल गई।