नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने नेताओं के भ्रष्टाचार पर ‘चुप्पी’ तोडें और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी को पद से हटाएं।
राहुल ने उस रिपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा, जिसमें कहा गया है कि बाजार नियामक संस्था सेबी ने ट्रेडिंग में की गई ‘हेराफेरी’ को लेकर कइयों पर जुर्माना लगाया है जिनमें गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी का परिवार भी शामिल है।
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कांग्रेस ने रुपानी के इस्तीफे की मांग की है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि ना खाऊंगा ना खाने दूंगा की कहानी। शाह-जादा, शौर्य और अब विजय रुपानी।
कांग्रेस ने मांग की है कि या तो गुजरात के मुख्यमंत्री इस्तीफा दें या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘चुप्पी’ तोडें और रुपानी को पद से हटाएं।
कांग्रेस की यह मांग सेबी द्वारा 22 कंपनियों व व्यक्तियों पर ‘व्यापार में हेराफेरी’ के लिए लगाए गए जुर्माने के बाद आया है, जिसमें रुपानी के हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) पर कम ज्ञात कंपनी सारंग केमिकल्स के साथ व्यापार में हेराफेरी के लिए लगा जुर्माना भी शामिल है।
विनियामक ने 22 कंपनियों पर 6.9 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। रुपानी के एचयूएफ पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जबकि तीन अन्य लोगों पर 70 लाख रुपए या उससे अधिक का जुर्माना लगाया गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का मतलब ईमानदारी पर जीरो टॉलरेंस हो गया है। देश में कई घोटाले हो रहे हैं, जिसमें भाजपा नेता और उनके बेटे, बेटी शामिल हैं। पीएम मोदी ‘मौन व्रत’ पर हैं। इस सीरीज में सबसे नया नाम गुजरात के मुख्यमंत्री का एचयूएफ है।
उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और उनके बेटे जय शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और उनके बेटे शौर्य डोभाल, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके बेटे दुष्यंत सिंह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके बेटे अभिषेक सिंह, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व उनके बेटे अनुराग ठाकुर और गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल और उनकी बेटी अनार पटेल- ये सभी किसी न किसी रूप में भ्रष्टाचार में फंसे हैं व अपने बेटे-बेटियों को गलत तरीके से फायदा दिलाने में संलिप्त रहे हैं।
सिंह ने कहा कि रुपानी के एचयूएफ की सारंग केमिकल्स के साथ संबंधों की जांच होनी चाहिए। मोदी के लिए भ्रष्टाचार पर चुप्पी तोड़ने और जवाबदेही का सामना करने का वक्त आ गया है।
कथित ‘हेराफेरी’ वाले ये लेन-देन साल 2011 में जनवरी से जून के बीच किए गए थे। वर्ष 2016 के अगस्त में गुजरात के मुख्यमंत्री का पदभार आनंदीबेन पटेल से लेकर रुपानी को दिया गया था।