गांधीनगर। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को सोमनाथ मंदिर के दर्शन किए। राहुल के इस मंदिर दौरे से एक बड़ा विवाद पैदा हो गया। बीजेपी ने उनकी आस्था को लेकर सवाल उठाए, जबकि कांग्रेस ने भाजपा पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी हिंदू भक्त हैं। यह विवाद राहुल गांधी के मीडिया समन्वयक मनोज त्यागी के गैर हिंदुओं के लिए बने रजिस्टर में हस्ताक्षर करने से पैदा हुआ। इसके बारे में कांग्रेस ने कहा है कि इस रजिस्टर में बाद में राहुल गांधी व अहमद पटेल का नाम जोड़ा गया।
इस दौरे के कुछ समय बाद सोशल मीडिया पर मनोज त्यागी के हस्ताक्षर वाला रजिस्टर घूमने लगा, जिसमें राहुल गांधी व अहमद पटेल का नाम बाई तरफ था। इस कहानी के साथ भाजपा सामने आई कि राहुल गांधी ने खुद को एक गैर-हिंदू घोषित कर दिया है।
सौराष्ट्र क्षेत्र के भाजपा प्रवक्ता राजू ध्रुव ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा राहुल गांधी को एक हिंदू के तौर पर दिखाने की कोशिश की, लेकिन तथ्य यह है कि वह हिंदू नहीं हैं। राहुल गांधी ने अक्टूबर से 20 से ज्यादा हिंदू देवी-देवताओं के मंदिरों का दौरा किया है। कांग्रेस झूठ बोल रही है। दाखिल की गई प्रविष्टि दिखाती है कि वह हिंदू नहीं हैं।
मनोज त्यागी ने बाद में एक बयान जारी कर कहा कि उन्होंने मंदिर में मीडियाकर्मियों को अंदर ले जाने के लिए गांधी का नाम दर्ज किया था। यह राहुल गांधी या अहमद पटेल की तरफ से नहीं था। इसे बाद में जोड़ दिया गया होगा।
कांग्रेस ने जल्दबाजी में एक संवाददाता सम्मेलन बुलाया। इसमें कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर भाजपा डर गई है और ओछी राजनीति पर उतर आई है।
सुरजेवाला ने कहा कि सोमनाथ मंदिर में सिर्फ एक आगंतुक पुस्तिका है, जिस पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हस्ताक्षर किए थे। दूसरा कोई भी चित्र जिसे प्रसारित किया जा रहा है वह नकली है।
सुरजेवाला ने कहा कि मंदिर समिति ने जब उन्हें आगंतुक पुस्तिका दी तो राहुल ने उसमें अपने नाम (राहुल गांधी) व पता (12, तुगलक लेन, नई दिल्ली) के साथ एक संदेश, एक बहुत ही प्रेरणादायी स्थल लिखा।
उन्होंने कहा कि दूसरा रजिस्टर मीडियाकर्मियों के द्वारा ट्वीट किया गया। राहुल गांधी ने न तो उस रजिस्टर में लिखा और न ही वह रजिस्टर उन्हें दिया गया था।
दूसरे रजिस्टर पर एआईसीसी के मीडिया समन्वयक मनोज त्यागी का हस्ताक्षर है, जिस पर मंदिर के कुछ अधिकारियों ने हस्ताक्षर करने को कहा था, ताकि राहुल गांधी के साथ गए मीडियाकर्मी मंदिर में दाखिल हो सकें।
सुरजेवाला ने कहा कि राहुल के मंदिर से जाने के बाद कुछ मीडिया मित्रों का दुरुपयोग करके एक अन्य फर्जी प्रविष्टि को सार्वजनिक कर दिया गया। क्या भाजपा इतनी कायर हो गई है कि वह बाहर आने व बोलने से डर रही है।
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी व अहमद पटेल का नाम चोरी से गैर हिंदुओं के लिए बने रजिस्टर में बाई तरफ किसी ने दाखिल कर दिया। इसमें हेरफेर की गई है। उन्होंने कहा कि यह एक नकली रजिस्टर है। इन नामों को बाद में जोड़ा गया।
राहुल गांधी की पवित्र धागा पहने तस्वीर को दिखाते हुए सुरजेवाला ने कहा कि राहुल एक जनेऊधारी हिंदू हैं। चाहे उनके नामकरण का समय रहा हो या उनकी बहन की शादी का समय, या फिर उनके पिता के अंतिम संस्कार का समय, उन्हें हमेशा पवित्र जनेऊ के साथ देखा गया है।
सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से आग्रह किया कि इतना नीचे नहीं गिरें कि 130 करोड़ हिंदू आप से घृणा करने लगें। उन्होंने कहा कि आपकी साजिश से सच्चाई नहीं बदलेगी।
कांग्रेस के एक अन्य प्रवक्ता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा का इरादा आज बेनकाब हो गया..गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने भी यह मान लिया है कि चुनाव में उनकी पार्टी की स्थिति ठीक नहीं है। जब भी वे ऐसी स्थिति में होते हैं, इस तरह की हरकते करते हैं।
हुड्डा ने कहा कि यह घटना भाजपा के बौद्धिक दिवालिएपन का संकेत है। कांग्रेस की यह प्रतिक्रिया भाजपा द्वारा मुद्दे को उठाए जाने के बाद आई है। भाजपा ने राहुल गांधी के धर्म को लेकर सवाल किया था।
भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने एक ट्वीट में कहा कि राहुल गांधी एक गैर-हिंदू व शिव भक्त हैं? बहुत अच्छा। इसमें कोई आश्चर्य नहीं जब उन्होंने पूर्व में कहा था कि महिलाओं को चिढ़ाने के लिए मंदिर जाते हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स के 1998 के एक लेख में राहुल गांधी व प्रियंका के रोमन कैथोलिक होने की बात का हवाला देते हुए राव ने कहा कि इससे कभी इनकार नहीं किया गया। क्या राहुल गांधी ने इसके बाद हिंदुत्व स्वीकार किया। कृपया स्पष्टीकरण दें।