railway may ends concessions on AC first class tickets
नई दिल्ली। केंद्र सरकार रेलवे को सड़क यातायात और एयरलाइंस की तरह आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए रेलवे द्वारा वरिष्ठ नागरिकों और खिलाडि़यों आदि को मुहैया कराई जा रही सभी रियायतों को खत्म कर सकती है।
दरअसल इस बार रेल और आम बजट को एक साथ पेश किया जाएगा। सरकार की ऐसी घोषणा के बाद ही केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संकेत दे दिया था कि फरवरी में पेश होने वाले रेल बजट लोकलुभावन नहीं होगा।
उन्होंने रेल यात्रियों को अच्छी सेवाओं के लिए पूरी कीमत चुकाने के लिए भी तैयार रहने को कहा था।
रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार यात्री किराये से बढ़ते नुकसान को कम करने के लिए रेलवे प्रथम श्रेणी में वरिष्ठ नागरिकों और खिलाड़ियों के साथ-साथ अलग-अलग श्रेणियों के लोगों को देने वाले छूट में कटौती की जा सकती है।
असल में रेलवे का मानना है कि वातानुकूलित प्रथम श्रेणी में सफर करने वाले यात्रियों की हैसियत के मद्देनजर यह कदम उठाया जा रहा है। इस श्रेणी में यात्रा करने वाले लोग टिकट का पूरा किराया देने में सक्षम होते हैं।
फिलहाल रेलवे वातानुकूलित प्रथम श्रेणी में यात्रा करने पर वरिष्ठ नागरिकों, विकलांगों, मानसिक रूप से अशक्त, दृष्टिबाधित, कैंसर, थैलेसीमिया, गुर्दे एवं दिल के मरीजों, मान्यता प्राप्त पत्रकारों और पुलिस पदक से सम्मानित 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को किराये में दस से लेकर पचास प्रतिशत की छूट देता है।
इतना ही नहीं रेलवे अब वरिष्ठ नागरिकों की आयु को भी दो साल बढ़ाने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में 60 साल पुरुषों और 50 साल की महिलाओं को रेलवे वरिष्ठ नागरिक मानता है और उन्हें किराये में 40 और 50 प्रतिशत की छूट देता है लेकिन अब वह पुरुषों की आयु को 62 और महिलाओं को 60 वर्ष करने पर विचार कर रहा है।