नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि रेल दुर्घटनाओं की जिम्मेदारी लेते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा इस्तीफा देने की पेशकश पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फैसला लेंगे।
सप्ताह भर के अंदर दूसरी ट्रेन दुर्घटना के बाद बुधवार को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एके मित्तल और रेलमंत्री द्वारा इस्तीफे की पेशकश के संबंध में पूछे गए सवाल पर जेटली ने कहा कि सरकार में जवाबदेही एक अच्छी व्यवस्था है। रेल मंत्री के अनुरोध पर प्रधानमंत्री फैसला करेंगे।
बुधवार को तड़के उत्तर प्रदेश में कानपुर और इटावा के बीच औरैया जिले में अछल्दा स्टेशन के पास आजमगढ़ से दिल्ली जा रही 12225 (अप) कैफियत एक्सप्रेस डंपर से टकराने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसके बाद ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में 78 लोग घायल हो गए हैं।
दुर्घटना के बाद रेल मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और अपने इस्तीफे की पेशकश रखी। सुरेश प्रभु ने मोदी से मुलाकात के बाद ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री ने मुझे इंतजार करने के लिए कहा है।
सुरेश प्रभु ने हालांकि अपने ट्वीट में अपने इस्तीफे की बात साफ तौर पर तो नहीं रखी है, लेकिन उनके ट्वीट की भाषा के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि उन्होंने इस्तीफे की पेशकश दी है।
प्रभु ने कहा कि मैं दुर्भग्यपूर्ण दुर्घटनाओं, यात्रियों के घायल होने और बेशकीमती जानें जाने से बेहद दुखी हूं। इसने मुझे गहरी वेदना से भर दिया है।
सप्ताह भर पहले ही मुजफ्फरनगर के पास खतौली में पुरी-हरिद्वार कलिंग उत्कल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए थे, जिसमें 20 से अधिक यात्रियों की मौत हो गई थी।
बुधवार को ही रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एके मित्तल ने भी इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह एयर इंडिया के प्रमुख अश्वनी लोहानी को रेलवे बोर्ड का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है।