नई दिल्ली। रेलवे ने फ्लेक्सी फेयर के सिस्टम में कई बदलाव किये हैं जो मंगलवार से ही लागू कर दिए जाएंगे। इसके तहत अब ट्रेन में पहला चार्ट बन कर तैयार होने के बाद भी सीट खाली बचेगी तो वह आखिरी किराये से रेलवे 10 फीसदी कम में बेचेगी। यह अगले 6 महीने तक इसी तरह चलेगा।
दरअसल, मौजूदा समय में फ्लेक्सी फेयर के तहत रेलवे को यात्री नहीं मिल रहे हैं। तत्काल में भी फ्लेक्सी फेयर किये जाने के कारण रेलवे तत्काल कोटे की सीट भी नहीं भर पा रही थी। इसलिए रेलवे ने राजधानी शताब्दी और दुरंतो में 30 फ़ीसदी तत्काल कोटा घटा कर 10 फ़ीसदी कर दिया है।
इसके साथ ही दिल्ली-अजमेर शताब्दी और चेन्नई-मैसूर शताब्दी में किराये भी कम किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि सितम्बर में रेलवे ने फ्लेक्सी फेयर के तहत किराया बढ़ाते हुए राजधानी शताब्दी और दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों के किराए बढ़ा दिए।
इसके तहत पहले 10 % सीट नार्मल किराये पर बेचना, फिर अगले 10% सीट नार्मल से 10% ज्यादा किराये पर, उसके अगली 10% सीट नार्मल से 20 % ज्यादा किराये पर, और अगली 10% सीट नार्मल से 30 % ज्यादा किराये पर।
ऐसे 50 % ज्यादा किराये तक बेचने का प्रावधान था लेकिन रेलवे को तीन महीने में मात्र 130 करोड़ का ही मुनाफा हुआ। दूसरी तरफ किराया बढ़ने के कारण बर्थ खाली जाने लगीं। नतीजतन रेलवे को बदलाव करना पड़ा।