जयपुर। प्रदेश में मौसम ने शुक्रवार को फिर ली करवट ली। राज्य में अधिकाशं हिस्सों में बारिश हुई। कई स्थानों में आंधी के साथ चने के आकार के ओले भी गिरे।
राजधानी जयपुर समेत दौसा, कोटा, भीलवाडा, उदयपुर, बूंदी, नागौर, करोली, दौसा, भीलवाडा, झालावाड, टोंक तेज बारिश और ओले गिरने के समाचार मिले हैं।
दो दिन से मौसम बिगडने के कारण प्रदेश में गेंहू, जौ, चना और सरसों की फसलों को नुकसान पहुंचने से किसानों की परेशानियां बढ़ गई हैं। मौसम विभाग ने प्रदेश के कुछ इलाकों में अगले 24 घंटों में ओलावृष्टि और तेज बरसात की चेतावनी दी है।
मौसम विभाग के अनुसार उत्तरी पाकिस्तान मे पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने और पश्चिमी हरियाणा में नए सिस्टम डवलप होने के कारण उत्तरी भारत में बारिश का दौर शुरू हो गया। जिसके चलते राजस्थान में कई जगह तेज आंधी और मूसलाधार बारिश के साथ ओले गिरे।
जयपुर में गुरुवार रात को हुई तेज बरसात के बाद शुक्रवार सुबह से ही बादल छाए रहे। दोपहर करीब दो बजे आसमान में अंधेरा छा गया और तेज बरयात शुरु हो गई। लगातार आंधे धंटे तक बारिश के साथ झोटवाडा, मुरलीपुरा, वैशाली नगर, वीकेआई, विद्याधर नगर सहित कई क्षेत्रों में चने के ओले भी गिरे।
ओले गिरने से वाहन चालकों और राहगीरों को दिक्कत का सामना करना पड गया। एकाएक मौसम के बदलने से लोगों को संभलने का अवसर भी नहीं मिला। यही वजह रही कि अचानक ओले गिरने से लोग सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़ पड़े।
10-15 मिनट तक लगातार ओलों की बरसात से सड़कों पर ओलों की सफेद चादर बिछ गई। ओलों की मार सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों में देखने को मिली। विशेषकर जमवारामगढ, आमेर, शाहपुरा व चौमूं क्षेत्र में ओले गिरने से फसलों को खासा नुकसान हुआ।
आमेर इलाके के अधिकांश गांवों में ओलावृष्टि के चलते पकी हुई गेंहू व जौ की फसलें तबाह हो गई। उधर कोटा और उदयपुर में सुबह से बूंदाबांदी शुरु हो रही थी। झालावाड़ में भी मौसम का मिजाज बदला। पिड़ावा-भवानीमंडी में बूंदाबांदी हुई।
टोंक जिले में देवली क्षेत्र के राजमहल में ओले गिरे। भीलवाड़ा के सहाडा में तेज बारिश से सड़कों पर ओलों की चादर बिछ गई। दो दिन से मौसम बिगड़ने के कारण प्रदेश में गेंहू, जौ, चना और सरसों की फसलों को जबरदस्त नुकसान पहुंचने के समाचार हैं।
बेमौसम बरसात से किसानों की बहुत नुकसान होने की आशंका है। ओलावृष्टि से सरसों,गेहूं की फसल चौपट हो गई है। बरसात और ओलावृष्टि से अनाजमंडियों में मचा हड़कम्प मच गया। जिंस को ढकने के लिएव्यापारियों और किसानों में मची अफरातफरी मच गई।
खेतों में पानी भरने से फसलों के अब गलने की संभावना बढ़ गई है। कड़ी मेहनत के बाद तैयार हुई फसलों को देख किसानों में निराशा छाने लगी है। गुरुवार की रात को हुई बारिश के बाद से ही ठंडी हवाओ ने अपना रूख मोड लिया है।
शहरवासियों के स्वेटर फिर से अलमारियों और बक्सों से निकल आए। रात का तामपान में गिरावट से बाद दिन में बरसात और ओलावृष्टि से मौसम में गलन बढ गई।