जयपुर। प्रदेश की 129 निकायों के लिए हुए मतदान के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों में बेचैनी नजर आ रही है।
भाजपा वोटिंग के बाद हार्सटेडिंग की आशंका से घबराई हुई है तो कांग्रेस भी निर्दलियों को अपने पाले में लेने और जोड़-तोड़ की रणनीति बनाने मे जुटी हुई है। शीर्ष स्तर पर चल रही कवायद के बीच अब निकाय चुनाव प्रत्याशियों का ‘प्रशिक्षण और पॉलिटिकल टूरिज्म’ शुरू हो गया है।
भाजपा ने निकाय चुनाव में खड़े किए अपने भावी पार्षदों को चुनाव प्रभारियों और विधायकों की देखरेख में शहरी इलाकों से दूर रवाना करना शुरू कर दिया है। पार्टी की इस बाड़ाबंदी में अभी तो सभी प्रत्याशियों को भेजा गया है। लेकिन 20 अगस्त को परिणाम आने के बाद विजयी प्रत्याशी ही यहां रोके जाएंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी की यह बाड़ाबंदी 22 अगस्त को दोपहर तक उपाध्यक्ष पद के चुनाव तक चलेगी। हालांकि पार्टी पदाधिकारी इस बाड़ाबंदी को चुनाव की थकान उतराने के लिए सैर-सपाटे और प्रशिक्षण का नाम दे रहे हैं।
विधायक एवं मंत्रियों पर जिमा बाड़ाबंदी का पूरा जिमा वर्तमान एवं पूर्व विधायक को सौंपा गया है। इसी के साथ मॉनिटरिंग का जिमा प्रभारी मंत्री पर है। सभी तरह के प्रबंधन एवं आवश्यक दिशा निर्देश संगठन की ओर से दिए जा रहे हैं। इसमें जिला एवं प्रदेश स्तर के पदाधिकारी सभी प्रत्याशियों से रू.ब.रू होकर पार्टी की रीति नीति की जानकारी देने के साथ ही संगठित होने का पाठ पढ़ाएंगे।
दोनों ही पार्टियों की नजर अपने दम-खम पर जीत सकने योग्य निर्दलीय प्रत्याशियों पर है। दोनों ही पार्टियों ने अपने पदाधिकारियों से निर्दलीयों से संपर्क में रहने का जिमा सौंपा है। साथ ही नतीजों के बाद की रणनीति भी बनाई जा रही है। जयपुर जिले के दसों जगह के भावी पार्षदों को विधायकों और प्रभारियों की देखरेख में अलग-अलग जगह भेजा गया है। नगर पालिका के हिसाब से प्रत्याशियों को आमेर, अलवर, सामोद, खाटूश्यामजी, पुष्कर और सालासर बालाजी ले जाया जा रहा है।
भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए हॉर्स ट्रेडिंग के प्रयास करने के आरोप लगाए है।भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी ने कहा कि पिछले निकाय चुनाव में भी अलवर और नागौर में कांग्रेस ने हॉर्स ट्रेडिंग की थी जिसके चलतें ही बोर्ड भाजपा का होने के बावजूद चेयरमैन कांग्रेस ने बना लिया था। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने कांग्रेस की ओर से लगाए बाडाबंदी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बाड़ाबंदी शब्द पर आपत्ति जताई।
पोलिंग ट्रेंड के आधार पर ही भाजपा संतुष्ट नजर आ रही है। भाजपा नेताओं का मानना है कि उनकी पार्टी के 100 से ज्यादा बोर्ड बनेंगे। पार्टी इस बात से भी खुश है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार है और उसी का फायदा उन्हें मिलने वाला है। इस बात को लेकर चुनाव प्रचार के दौरान भी भाजपा ने वोटरों को स्पष्ट रूप से कहा भी था।
प्रचार के दौरान ज्यादातर नेताओं ने सभाओं में कहा था कि सत्ता उनके पास है, ऐसे में वे कभी भी जयपुर आएंगे तो उनके काम होने में देर नहीं लगेगी। साथ ही यह भी याद दिलाया कि सरकार लगातार गांवों में जा रही है। संभागों के दौरे कर रही है। ऐसे में यदि पार्टी को वोट दिए जाएंगे तो उन्हें फायदा होगा।