जयपुर। राजस्थान विधानसभा का महज दो दिवसीय सत्र भी काफी हंगामेदार रहा और अध्यक्ष कैलाश मेघवाल के आदेश पर सदन में मार्शलों ने प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी सहित प्रतिपक्ष के छह सदस्यों को धक्का-मुक्की कर सदन से बाहर निकाला।
सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पडी और जीएसटी बिल पारित होते समय भी प्रतिपक्ष के सदस्य वैल में नारेबाजी करते रहे। राजस्थान विधानसभा का यह सत्र मुख्य रूप से जीएसटी बिल पारित करने के लिए ही बुलाया गया था और यह सिर्फ दो दिन चला। इसे अब तक का सबसे छोटा सत्र बताया जा रहा है।
खास बात तो यह रही कि गुरूवार को पहले दिन तो महज 15 मिनट की कार्यवाही व शोकाभिव्यक्ति के बाद बैठक स्थगित हो गई और शुक्रवार को दूसरे दिन भी सुबह 11 बजे से हंगामे के चलते सदन की बैठक पहले 11.20 बजे से 12. 20 बजे तक और फिर हंगामे के चलते 12.45 बजे से 1.45 बजे तक स्थगित रही।
बाद में भी जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई और जीएसटी बिल के समर्थन का संकल्प रखा गया तब भी कांग्रेस के सदस्य वेल में ही थे और अपनी मांग दोहरा रहे थे।
हंगामे और नारेबाजी के दौरान ही सत्तारूढ भाजपा के विधायकों, मंत्रियों और स्वयं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जीएसटी को एक क्रांतिकारी कानून बताते हुए संकल्प पारित कर दिया गया।