जयपुर। राजस्थान में पिछले दिनों मिली आतंकी धमकियों के बाद खुफिया एजेंसियों के अधिकारी सतर्क हो गए हैं। किसी भी प्रकार की आतंकी घटना से निपटने के लिए अधिकारियों ने साजो सामान खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत बम निरोधक सूट एवं अन्य उपकरण खरीदे जाएंगे।
गौरतलब है कि वर्तमान में प्रदेश में सिर्फ एक बम निरोधक सूट है। कहीं से भी कुछ संदिग्ध वस्तु मिलने के बाद इसे पहनकर ही जांच की जाती है। अधिकारियों का मानना है कि एक सूट के बूते बम धमाकों की धमकी मिलने पर जांच करना मुश्किल है।
वर्ष 2013 और 2014 में प्रदेश भर में तेरह से भी ज्यादा बार पुलिस को बम ब्लास्ट करने की धमकी मिल चुकी है। पिछले दिनों प्रदेश पुलिस के मुखिया और प्रदेश के दस से भी ज्यादा मंत्रियों को मेल के जरिए बम धमाके की धमकी मिली थी। अजमेर में पुष्कर मेले के दौरान ब्रह्मा मंदिर को भी बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। साथ ही खाटू श्याम मंदिर में भी बम धमाके करने का खत मिला था।
सीकर के एक सरकारी स्कूल को भी इसी तरह की धमकी मिली थी। पिछले साल ही इंटेलीजेंस और पुलिस ने मिलकर सीकर, जोधपुर, जयपुर और अजमेर में इंडियन मुजाहिद्दीन की स्लीपर सैल का भांडाफोड़ किया था। स्लीपर सैल के ये संदिग्ध बड़े मंदिरों और धार्मिक स्थलों में बम धमाके करने की तैयारी में थे।
उधर धमाकों की धमकी के बाद 24 फरवरी से शुरू होने वाले विश्व प्रसिद्ध खाटू श्याम मेले में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए है। मेले में जाने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को कड़ी जांच के बाद ही प्रवेश मिलेगा। उधर खूफिया एजेंसियों ने राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों पर भी निगरानी बढ़ाई है। विशेषकर उन स्थानों पर जहां विदेशी सैलानियों का ज्यादा आना होता है।
ऐसे काम करता है बम सूट
बम निरोधक सूट में विशेष धातु के हैलमेट से लेकर धातु से बने हुए बूट होते हैं। बम मिलने पर सूट पहन कर पुलिसकर्मी बम को डिफ्यूज करता है। अगर बम फटता भी है तो सूट पहनने वाले व्यक्ति को कोई खास नुकसान नहीं होता। सूट की कीमत करीब अस्सी लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक होती है। फिलहाल जयपुर में सिर्फ एक बम निरोधक सूट है। किसी भी जिले से कोई सूचना मिलने के बाद इसी सूट को पहनकर काम किया जाता है। तीन बम निरोधक सूट के साथ ही कुछ ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डर भी खरीदने की तैयारी चल रही है।